नई दिल्ली। सीरिया ने तुर्की द्वारा उसके उत्तर पूर्वी कुर्द बहुल क्षेत्र में की गयी सैन्य कार्रवाई को ‘युद्ध अपराध’ करार दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का आव्हान किया है कि वह सीरिया की धरती पर तुर्की का सैन्य अतिक्रमण समाप्त कराने के लिए दबाव बनाये। सीरिया के राजदूत डॉ. रियाद अब्बास ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में तुर्की के राष्ट्रपति रिसिप तैय्यब एर्दोगन पर आरोप लगाया कि वे अमेरिका के इशारे पर इस्लाम के नये खलीफा बनने की कोशिश कर रहे हैं और अमेरिका के समर्थन से तुर्की ने आईएसआईएस समेत तमाम अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों को बचाने एवं बल देने के लिए सीरिया पर हमला किया गया है। डॉ. अब्बास ने सीरिया पर तुर्की के आक्रमण को लेकर भारत की प्रतिक्रिया की सराहना की और सीमा पार आतंकवाद एवं जम्मू कश्मीर को लेकर भारत के रुख के प्रति समर्थन भी व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि तुर्की का सीरिया पर आक्रमण एक संप्रभु राष्ट्र पर हमला है और संयुक्त राष्ट्र घोषणापत्र एवं सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने तुर्की की सरकार को युद्ध अपराधी करार दिया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुर्की पर यह हमला समाप्त कराने का दबाव बनाने का आव्हान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तुर्की के हमले से सीरिया के लोगों पर अत्याचार हो रहा है और इससे एक मानवीय संकट पैदा हो गया है। शुरू से ही तुर्की ने सीरिया को नुकसान पहुंचाने के इरादे को कभी छिपाया नहीं है। उसने अमेरिका एवं उसके सहयोगियों से समर्थन एवं वित्तीय सहयोग प्राप्त आतंकवादियों को सीरिया में निर्दोष नागरिकों को अत्याचार करने के लिए भेजा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सीरिया की धरती पर इस समय करीब 70 हजार विदेशी आतंकवादी मौजूद हैं और उनमें से करीब 13 हजार आतंकवादी आईएसआईएस के हैं।