नई दिल्ली। सरकार ने आज कहा कि सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में तय लक्ष्यों को भारत 2030 के तय समय से पहले प्राप्त कर लेगा। राष्ट्रीय आरोग्य मिशन की ताजा रिपोर्ट आज केन्द्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष पेश की गयी जिसमें मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, मलेरिया उन्मूलन, आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के आंकड़ों के आधार पर सरकार ने यह दावा किया। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत ने लगभग सभी मानकों पर अच्छी प्रगति की है। इससे लग रहा है कि भारत सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों को 2030 के तय समय के पहले ही प्राप्त कर लेगा।
जावड़ेकर ने बताया कि इस रिपोर्ट में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर और मलेरिया उन्मूलन की दर में खासी वृद्धि दर्ज की गयी है। मातृ मृत्यु दर में 5 फीसदी की बजाय आठ फीसदी, शिशु मृत्यु दर में तीन प्रतिशत की बजाय पांच प्रतिशत तथा मलेरिया उन्मूलन में चार प्रतिशत की बजाय 6.5 प्रतिशत की दर से कमी दर्ज की गयी है। इसकी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहना की है। उन्होंने कहा कि देश में दस लाख आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय एक हजार रुपए से बढ़ाकर दो हजार रुपए किया गया है।
पांच लाख गांवों में जनारोग्य समितियों का गठन किया गया है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अब तक 21 हजार वैलनेस सेंटर बन चुके हैं और इस साल 40 हजार सेंटर बनेंगे। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा तहत अब तक 31 लाख लोगों का उपचार किया गया है जबकि साढ़े तीन करोड़ लोगों के कॉर्ड बन चुके हैं। सरकार को लगता है कि इस गति से चलते रहे तो भारत सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों को काफी पहले ही हासिल कर लेगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली एवं पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार ने नकारात्मक रुख के कारण ये योजना लागू नहीं हो सकी है।