नई दिल्ली। चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को लेकर आज का दिन काफी अहम है क्योंकि आज अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा विक्रम लैंडर के लैंडिंग स्थल का पता लगा सकता है। मिशन के विक्रम लैंडर को लेकर चल रहे विश्लेषण में मदद करने के लिए अमेरिकी स्पेस एजेंसी नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन अपने लूनर ऑर्बिटर से विक्रम की लैंडिंग साइट की तस्वीरें जारी करेगा। नासा का ये ऑर्बिटर 17 सितंबर को यानी आज ही विक्रम लैंडर के लैंडिंग साइट के ऊपर से चांद का चक्कर लगाएगा और उसके नजदीक से गुजरेगा।
चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से संपर्क होने के लिए आज का दिन बहुत अहम है। नासा की तस्वीरों से पता चलेगा कि लैंडर विक्रम किस हाल में है और उससे संपर्क हो भी सकता है या नहीं। क्योंकि, लैंडर विक्रम के पास अब सिर्फ 4-5 दिन हैं। लैंडर को चंद्रमा के एक दिन (पृथ्वी के 14 दिन) तक ही काम करने के लिए डिजाइन किया गया था। अगर अगले 4-5 दिनों में इसरो कोई सफलता हाथ नहीं लगती तो विक्रम लैंडर से संपर्क की उम्मीदें पूरी तरह खत्म हो जाएंगी। बता दें, 20 या 21 सितंबर को चंद्रमा पर रात हो जाएगी। रात होने के साथ ही वहां का तापमान भी माइनस 183 डिग्री तक जा सकता है।
इसरो के पास एक आखिरी कोशिश का मौका है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नासा का लुनरक्राफ्ट 2009 से चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है। मंगलवार को सभी की निगाहें उसी लुनरक्राफ्ट पर टिकी हैं। क्योंकि, लुनर रीकॉनिसंस ऑर्बिटर विक्रम की लैंडिंग की जगह के ऊपर से गुजरेगा। वो इसरो के लैंडर की तस्वीरें खींचेगा। नासा वो तस्वीरें इसरो के साथ शेयर करेगा। इन तस्वीरों से चंद्रयान-2 के लैंडर की वास्तविक स्थिति पता चलेगी। इन तस्वीरों के आधार पर ही इसरो लैंडर से संपर्क करने की आखिरी कोशिश करेगा।