नई दिल्ली। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के कई सदस्यों ने देश में राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य मार्गों के निर्माण में तेजी लाने के साथ-साथ सड़कों पर यात्रियों और वाहन चालकों की सुरक्षा पर विशेष कार्य योजना बनाने की सरकार से सोमवार को माँग की। लोकसभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से संबद्ध अनुदानों की माँगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सदस्य के. मुरलीधरन ने कहा कि केरल राजमार्ग विकास की प्राथमिकता की सूची में नहीं शामिल किया गया है। राज्य के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया गया है यह समझ से परे है। सड़कों की माँग को लेकर राज्य में कई आंदोलन किये गये, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार ने इस तरफ कोई तवज्जो नहीं दिया। राज्य में कई सड़कों का काम अब भी लंबित पड़ा है।
उन्होंने राज्य में लंबित सड़कों का निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने तथा नये राष्ट्रीय राजमार्ग को शुरू करने का सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से आग्रह किया है। मुरलीधरन ने कहा कि केरल में सड़क दुर्घटना में मारे गये लोगों को समुचित मुआवजा नहीं मिल पाता है। उन्होंने इस संबंध में सख्त कानून बनाने की माँग की ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य को और अधिक वित्तीय सहायता देने की जरूरत है ताकि प्रदेश में सड़कों का चौड़ीकरण किया जा सके। राज्य को सड़कों के निर्माण तथा चौड़ीकरण के लिए वित्तीय सहायता की जरूरत है ताकि आर्थिक गतिविधियों में गति प्रदान की जा सके।
भारतीय जनता पार्टी के दुष्यंत सिंह ने कहा कि सरकार ने देश में सड़कों का जाल बिछाने का काम किया है जो बहुत ही सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार देश को विकास के पथ पर बढ़ाने के लिए सड़कों का निर्माण तेजी से करा रही है। केंद्रीय सड़क परिवन मंत्री ने पिछले पाँच साल में सड़कों के निर्माण के क्षेत्र में बहुत अच्छा काम किया है और पिछले पिछले पाँच साल में 39,355 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया है। सिंह ने कहा कि वर्ष 2013-14 में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए बजट में 28,450 करोड़ रुपये का प्रावधान था जो अब 83,016 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति और नीयत देश का विकास करना है और सड़कों के निर्माण के माध्यम से विकास में तेजी लायी जा सकती है।
सरकार ने पुलों का काम भी तेजी से किया है। तृणमूल के वरिष्ठ सदस्य सौगत रॉय ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए सार्वजनिक निजी साझेदारी के तहत शुरू की गयी योजनाओं में निजी निवेश बहुत धीमी गति से हुआ है। डर है कि सड़कों के निर्माण के लिए लिए गये ऋण कहीं बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति न बन जाये। उन्होंने भारतमाला परियोजना की बहुत तारीफ की। रॉय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय राजमार्ग 34 का काम 10 साल में पूरा नहीं हो सका है। सरकार को इसका काम तेजी से पूरा कराना चाहिये ताकि राज्य के विकास को गति मिल सके। पश्चिम बंगाल में कम राजमार्ग हैं, इसलिए सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिये। सड़कों पर सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। सरकार को अवश्य बताना चाहिए कि किस प्रकार सड़कों पर चलने वालों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
हाल ही में यमुना एक्सप्रेस-वे पर बस गिरने की जिस प्रकार की वीभत्स घटना हुई है उससे सड़क सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा होता है। देश में 80 फीसदी लोग सड़कों से यात्रा करते हैं इसलिए इसकी सुरक्षा सरकार को प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित करनी चाहिए। वाईएसआर कांग्रेस की गीता विश्वनाथन ने कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय का काम काफी सराहनीय है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में यह मंत्रालय बहुत अच्छा काम कर रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा ग्रामीण इलाकों की सड़कों को विकसित करने की योजना सरकार की अच्छी पहल है। विश्वनाथन ने कहा कि राज्य विभाजन के बाद आँध्र प्रदेश के हिस्से में जो सड़कें आयी हैं उनकी हालत सही नहीं है। इसलिए सरकार को उनके राज्य को विशेष सहायता देनी चाहिए। राज्य की कई सड़कों का निर्माण कार्य लंबित है जिसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए।