नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का प्रचार प्रसार करने के लिए आयुष मंत्रालय का बजट बढ़ाने की मांग करते हुए आज राज्यसभा में कहा गया कि औषधीय पौधों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और उनकी पूरी उपज सरकार को खरीद लेनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने सदन में भोजनावकाश के बाद आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी,सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय के काजकाज पर चर्चा आरंभ करते हुए कहा कि प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की विगत में लगातार उपेक्षा की गयी है। इसके अनेक कारण हैं लेकिन प्रमुख कारण इनके खिलाफ दुष्प्रचार है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐलोपैथी की लॉबी बहुत मजबूत है जिसके कारण अन्य चिकित्सा पद्धतियों को अनदेखा किया गया है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष पद्धतियों से इलाज हो रहा है और यह बहुत कारगर है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए और आयुष मंत्रालय का बजट बढ़ाना चाहिए। किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उनकी पूरी उपज खरीद की व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पर उपलब्ध होंगे। यादव ने कहा कि आयुष दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए निगरानी व्यवस्था मजबूत की जानी चाहिए और आयुर्वेद डाक्टरों की भी प्रवेश परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गरीब लोगों के लिए प्राचीन चिकित्सा पद्धतियां बेहतर है जो सस्ती हैं और आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। सरकार को इस पक्ष पर भी ध्यान देना चाहिए।