इस्लामाबाद। नकदी के संकट का जूझ रहे पाकिस्तान को एक और तगड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान पर यह जुर्माना रेको डिक प्रोजेक्ट के लिए लगाया गया है। न्यायालय ने खनन से जुड़े एक विवाद में फैसला सुनाते हुए पाकिस्तान पर 5.976 अरब डॉलर (40 हजार करोड़ भारतीय रुपए) का जुर्माना लगाया है। इस मामले में पाकिस्तान सरकार ने सन 2011 में रेको डिक परियोजना में एक कंपनी को खनन का ठेका देने से गैरकानूनी ढंग से इन्कार कर दिया था। इस मामले में तेथ्यान कॉपर कंपनी (टीसीसी) ने चिली की खनन कंपनी एंटोफागास्ता और कनाडा के बैरिक गोल्ड कॉरपोरेशन के साथ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। टीसीसी की खनन की अर्जी पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान की सरकार ने अस्वीकार की थी। अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने 700 पेज के आदेश में पाकिस्तान पर 4.08 अरब डॉलर का जुर्माना और 1.87 अरब डॉलर का ब्याज चुकाने को कहा है।
कंपनी और पाकिस्तान सरकार के बीच सात साल तक चले मुकदमे के बाद यह फैसला आया है। कंपनी ने इस विवाद में 11.43 अरब डॉलर के नुकसान का दावा करते हुए न्यायालय में उक्त धनराशि पाकिस्तान सरकार से दिलवाने की मांग की थी। रेको डिक का बलूची भाषा में मतलब रेतीली चोटी होता है। बलूचिस्तान में इस नाम का कस्बा वहां के चगाई जिले में है। कस्बे में स्थित रेको डिक खान में सोने और तांबे का बड़ा भंडार है। माना जाता है कि यह दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी सोने की खान है। टीसीसी ने सरकार से समझौते के बाद इलाके का व्यापक सर्वे कर खनन की संभावना से जुड़ी रिपोर्ट अगस्त 2010 में तैयार की।