ढाका। बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति एवं विपक्षी दल जातीय पार्टी के प्रमुख हुसैन मुहम्मद इरशाद का रविवार को निधन हो गया। बीएसएस न्यूज सर्विस ने इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन्स (आईएसपीआर) के हवाले से बताया कि इरशाद का निधन यहां के कम्बाइन्ड मिलिट्री हॉस्पिटल के इंटेंसिव केयर यूनिट में हुआ। वह 89 वर्ष के थे तथा उनके कईं अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। इसकी वजह से वह पिछले नौ दिनों से जीवन रक्षक प्रणाली पर थे। पूर्व सेना प्रमुख इरशाद ने 1982 में तख्तापलट के बाद देश की सत्ता संभाली और लगातार आठ वर्षों तक देश का शासन चलाया। उन्हें 1990 में लोकतंत्र के समर्थन में हुए आंदोलन के दौरान देश की सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। इसके बाद कई आरोपों में जेल जाने के बाद भी वह राजनीति में सक्रिय रहे और संसद के लिए कई बार निर्वाचित हुए।
इरशाद के परिवार और जातीय पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति इरशाद का नमाज-ए-जनाजा उनके पैतृक जिले रंगपुर में लाया जाएगा और फिर उन्हें ढाका के बनानी आर्मी कब्रिस्तान में सुपुर्दे ए खाक किया जाएगा। इरशाद का जन्म 1930 में दिनहाता में हुआ था जो उस समय पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले का एक उपखंड था। उनके माता-पिता भारत के विभाजन के एक वर्ष बाद 1948 में बंगलादेश (उस समय पूर्वी पाकिस्तान) के दिनहाता चले गये थे। बंगलादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद, प्रधानमंत्री शेख हसीना और स्पीकर शीरिन शर्मिन चौधरी ने इरशाद के निधन पर शोक व्यक्त किया है।