अमृतसर। पाकिस्तान स्थित डेरा बाबा नानक साहिब तक जाने वाले करतारपुर गलियारे को लेकर भारत एवं पाकिस्तान के बीच होने वाली बातचीत की तैयारियां पूरी हो गयी हैं। भारतीय अधिकारियों ने बैठक के अच्छे परिणाम निकलने की उम्मीद जतायी है और कहा है कि देश हित और यात्रियों की सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा। इस गलियारे से संबंधित ढांचागत सुविधाओं के निर्माण तथा श्रद्धालुओं के आवागमन के तौर तरीकों को लेकर दोनों देशों के शिष्टमंडल के बीच रविवार को अटारी- वाघा सीमा परिसर में बैठक होनी है। भारतीय शिष्टमंडल में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पंजाब सरकार और अन्य एजेन्सियों के अधिकारी शामिल होंगे। अधिकतर अधिकारी शनिवार को यहां पहुंच गये हैं जबकि कुछ देर रात तक पहुंच जाएंगे।
दोनों देशों के बीच सहमति है कि आगामी नवम्बर में गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश उत्सव से पहले दोनों को अपने-अपने क्षेत्रों में करतारपुर साहिब यानी डेरा बाबा नानक जाने की सुविधा के लिए करतारपुर गलियारे का काम पूरा करना है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि भारत अपने क्षेत्र में जीरो प्वाइंट पर अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त यात्री टर्मिनल तथा वहां से राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाला चार लेन वाला राजमार्ग बना रहा है। इन दोनों का काम तेजी से चल रहा है और यह 31 अक्टूबर तक पूरा हो जायेगा। गलियारे का काम 60 फीसदी पूरा हो चुका है और यात्री टर्मिनल का निर्माण प्री फेब्रिकेटिड स्ट्रक्चर के माध्यम से किया जा रहा है।
राजमार्ग का काम सितम्बर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत गुरू नानक देव के 550 वें प्रकाश उत्सव से पहले 31 अक्टूबर तक सभी काम पूरे करने के लिए प्रतिबद्ध है। पाकिस्तान के क्षेत्र में काम की क्या गति है और कितना काम पूरा हुआ है इसका जवाब पाकिस्तान ही बेहतर दे सकता है लेकिन भारत को इस मामले में ‘बड़ी उम्मीद’ है। उन्होंने बताया कि इस गलियारे को लेकर दोनों पक्षों के बीच तीन बार तकनीकी स्तर की बातचीत हो चुकी है और इनमें विभिन्न मुद्दों पर व्यापक सहमति भी बनी है। भारत ने बाढ़ के मद्देनजर अपने क्षेत्र में एक अत्याधुनिक पुल बनाया है और गत 19 मार्च को हुई बैठक में पाकिस्तान ने भी अपने क्षेत्र में पुल बनाने पर सहमति व्यक्त की थी
लेकिन बाद में उसने अपना रुख बदल लिया और कहा कि वह मिट्टी का तटबंध बनायेगा जब भारत की ओर से इस पर आपत्ति जतायी गयी तो उसने पक्का तटबंध बनाने की बात कही जबकि भारत इसे भी असुरक्षित मानता है और उसका कहना है कि पाकिस्तान को पुल ही बनाना चाहिए। एक सवाल के जवाब में अधिकारियों ने कहा कि रविवार को बातचीत हो रही है और उसमें सभी मुद्दे उठाये जायेंगे अभी किसी तरह के निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि गलियारे का काम किसी तरह पूरा हो और इसके लिए सभी प्रयास किये जायेंगे। खालिस्तान समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला की पाकिस्तान में गतिविधियों के बारे में पूछे गये सवाल के जवाब में सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के साथ यह मुद्दा निरंतर उठाया जा रहा है और इस बातचीत में भी इसे सख्ती से उठाया जायेगा।
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय क्षेत्र में बनाये जाने वाले यात्री टर्मिनल पर एयरपोर्ट की तरह चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जायेगी जिसमें अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था और पहचान प्रणाली का इस्तेमाल किया जायेगा। भारत चाहता है कि श्रद्धालु जिस दिन दर्शन के लिए जायें उसी दिन वापस लौट आयें। इस दौरान इस बात का ध्यान रखा जायेगा कि जो श्रद्धालु वहां जा रहा है, वह वापस लौट रहा है या नहीं। देश हित और यात्रियों की सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा। यात्री टर्मिनल में 10 बसों, 250 कारों और 250 दो पहिया वाहन की पार्किंग की व्यवस्था की जायेगी। यात्री परिसर में 5000 श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जायेगी।
उनके आवागमन को सरल बनाने के लिए 54 काउंटर बनाये जायेंगे। पन्द्रह एकड़ में बनाये जाने वाले इस परिसर और राजमार्ग तथा अन्य ढांचागत सुविधाओं पर कुल मिलाकर 500 करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है। भारतीय क्षेत्र में निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और 250 मजूदर तथा 30 इंजीनियर तीन शिफ्ट में काम कर रहे हैं। करतारपुर गलियारे के बारे में दोनों पक्षों के बीच पहली वार्ता 14 मार्च को अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय क्षेत्र में हुई थी। दूसरे दौर की बातचीत गत 2 अप्रैल को होनी थी लेकिन पाकिस्तान द्वारा खालिस्तान समर्थक एवं भारत विरोधी गोपाल सिंह चावला को बातचीत में शामिल किये जाने के बाद यह टाल दी गयी थी। पाकिस्तान ने इसी महीने की दो तारीख को कहा था कि अब यह वार्ता 14 जुलाई को वाघा में होगी।