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दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापना संबंधी विधेयक लोकसभा में पारित

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 11 2019 1:41AM | Updated Date: Jul 11 2019 1:41AM
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नई दिल्ली। दुनिया भर के निवेशकों को आकर्षित करने तथा वैश्विक स्तर के विवादों के समाधान के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित करने संबंधी ‘अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र विधेयक, 2019’ को लोकसभा ने आज ध्वनिमत से पारित कर दिया। विधेयक पर करीब दो घंटे चली चर्चा का जवाब देते हुये विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस बात पर खुशी जताई कि विधेयक का पूरे सदन ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को पेश करने के बाद सभी दलों का जिस तरह से समर्थन मिला है उससे वैश्विक निवेशकों में अच्छा संदेश गया है और उन्हें लग गया है कि भातर एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत के पास अच्छे वकील हैं और ऐसी स्थिति में नव उपनिवेशवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता। भारत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता का केंद्र बन रहा है और दिल्ली में स्थापित होने वाले इस केंद्र की प्रक्रिया पर पूरी दुनिया की नजर है। वह सदन को भरोसा दिलाते हैं कि केंद्र में काम की पारदर्शिता, कार्य क्षमता, गुणवत्ता, इससे जुड़ने वाले लोगों की दक्षता आदि में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में बड़े निवेश का केंद्र बन रहा है और इस प्रक्रिया में कई तरह के विवाद होना स्वाभाविक है।

इन विवादों के निराकरण के लिए लंदन या सिंगापुर नहीं जाना पड़े इसलिए भारत में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र की स्थापना की जा रही है। इस मध्यस्थता केंद्र में अंतरराष्ट्रीय तथा घरेलू विवादों के निपटान का काम उच्च गुणवत्ता के साथ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र में काम करने वाले पैनल में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों को शामिल किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि पैनल में प्रख्यात लोग होंगे और उनकी प्रतिष्ठा तथा काम के बल पर इस केंद्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया जाएगा। उनका कहना था कि सरकार ने इस केंद्र की स्थापना के लिए 30 करोड़ रुपये की राशि आवंटित भी कर दी है। इससे पहले विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए विभिन्न दलों के सदस्यों ने कहा कि यह विधेयक अच्छा है, लेकिन सरकार इस तरह के अच्छे काम के लिए भी अध्यादेश का रास्ता अपना रही है, यह ठीक नहीं है। विधेयक का सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने समर्थन किया और कहा कि इससे सिंगापुर की तरह ही दिल्ली भी मध्यस्थता का केंद्र बन जायेगा। इससे कारोबार की सुगमता के पहलू को और मजबूत मिलेगी।

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