नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देने के क्रम में बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा खुद को ‘टीचर’ की उपमा दिये जाने पर विपक्षी सदस्य भड़क उठे और सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ उनकी हल्की कहासुनी भी हुई। बाद में वित्त मंत्री का जवाब समाप्त होने से पहले ही इस बयान तथा बजट से संबंधित कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया। सीतारमण ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बजट में पेश आँकड़ों और आर्थिक सर्वेक्षण में जारी आँकड़ों में विसंगतियों पर विपक्ष की आशंकाओं को खारिज करते हुये बताया कि ऐसा गणना के लिए अलग-अलग आधार चुनने के कारण हुआ है।
इसके बाद उन्होंने कहा कि जैसे एक ‘टीचर’ बच्चों को समझाती है उसी तरह उन्होंने अपनी बात सदन के सभी सदस्यों को समझाने की कोशिश की है और यदि इसके बाद भी किसी सदस्य के मन में शंका रह गयी हो तो वह कमरा नंबर 36 (संसद में वित्त मंत्री के चैम्बर) में जाकर उनसे स्पष्टीकरण ले सकते हैं। उनके इतना कहते ही कांग्रेस और तृणमूल तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गये। तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय ने कहा कि यहाँ सभी सदस्य बराबर हैं और कोई ‘टीचर’ या छात्र नहीं है।
इस पर सत्तारूढ़ दल के कुछ सदस्य भी बोलने लगे। शोर-शराबे के बीच कांग्रेस के एक सदस्य ने अपनी आपत्ति रखते हुये कहा कि वित्त मंत्री को जो भी कहना है वह सदन में कहें। स्प्ष्टीकरण के लिए कमरा नंबर 36 में जाने की क्या जरूरत है? अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों को शांत कराने की कोशिश की। अंतत: जब वह अपनी जगह पर खड़े हुये तब जाकर हँगामा कर रहे सदस्य शांत हुये। बिरला ने कहा कि पूरी कार्यवाही को देखने के बाद जैसा उचित होगा वह वैसी कार्रवाई करेंगे।