29 Mar 2024, 02:22:05 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

33,687 रिक्त सरकारी पदों पर नौकरी देंगे : ममता

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 11 2019 1:07AM | Updated Date: Jul 11 2019 1:07AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि उनकी सरकार चरणबद्ध तरीके से विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त 33,687 पदों पर विशेष अभियान के तहत नियुक्तियां करेगी। बनर्जी ने राज्य विधानसभा में इस विषय पर आयोजित बहस का जवाब देते हुए कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों में ग्रेड ए,बी,सी और डी में ये रिक्तियां हैं। इनमें से 18527 पद सामान्य श्रेणी के तथा 15160 विभिन्न आरक्षित पदों के लिए रिक्त हैं। आरक्षित वर्ग में अनुसूचित जाति के 7411, अनुसूचित जनजाति के 2021 तथा अन्य वर्गा के 5728 पद रिक्त है। इसके बलावा दिव्यांग्यजनों के लिए 1347 पद रिक्त हैं। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ने कहा कि रिक्त सरकारी पदों को भरने के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित किये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार की ओर से स्वयं सहायता समूहों को पांच-पांच हजार रुपये भी दिये जायेंगे। इससे पहले, सदन में यह बताया गया कि राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट आवंटन चालू वित्त वर्ष (2019-20) में 9,552.70 करोड़ रुपये कर दिया गया है जो कि वर्ष 2011 की तुलना में 1300.69 फीसदी अधिक है। वर्ष 2011 में स्वास्थ्य के क्षेत्र में बजट आवंटन महज 682 करोड़ रुपये था। राज्य के अस्पतालों में डॉक्टरों की संख्या वर्ष 2011 की तुलना में दोगुनी से अधिक हो गई है।

वर्ष 2011 में 4,500 अस्पताल थे जिनकी संख्या बढ़कर 10,900 हो चुकी है जबकि नर्सों की संख्या 37,366 से बढ़कर 52,820 तक जा पहुंची है। मरीजों की आवश्यकताओं पर विस्तृत सर्वेक्षण के बाद चुने गए स्थानों पर सभी 42 सुपरस्पेशलिटी अस्पताल स्थापित किये गये हैं। सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 13,600 है, जिनमें से 13,000 से अधिक कार्यरत हैं जबकि इनमें 44 महत्वपूर्ण देखभाल इकाइयां (सीसीयू)  चल रही हैं। उच्च-निर्भरता इकाइयों के साथ महत्वपूर्ण देखभाल के लिए समर्पित इकाइयों की संख्या अब 69 है, जबकि जिला अस्पतालों में डिजिटल एक्स-रे के लिए बुनियादी ढाँचा, सीटी स्कैन, डायलिसिस और एमआरआई की शुरुआत की गई है। जिला अस्पतालों की बेहतरी के परिणामस्वरूप कोलकाता के अस्पतालों के लिए रेफरल के मामले कम हो गए हैं।

  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »