लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने भारत-चीन युद्ध के शहीद की पत्नी को जमीन न मिलने के मामले को गंभीरता से लिया है। न्यायालय ने इस मामले में केंद्र सरकार से स्कीम की कापी अगली सुनवाई को अदालत में पेश करने के आदेश दिए है। वर्ष 1962 में हुए चीन एवं भारत युद्ध मे उस समय हुए शहीद की पत्नी भागीरथी देवी ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर गुहार लगाई है कि उस समय शहीदों की पत्नी को मिलने वाली आठ एकड़ जमीन उसे दी जाय। न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति आलोक माथुर की पीठ ने यह आदेश याची भागीरथी देवी की ओर से अधिवक्ता अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी की ओर से दायर याचिका पर दिए है।
याची भागीरथी देवी का आरोप है कि उनके पति भारत-चीन के बीच युद्ध में सन 1962 में शहीद हो गए थे। कहा कि उस समय शहीदों के परिवार को चलाने के लिए आठ एकड़ जमीन देने का प्रावधान था। कहा गया कि याची अब लगभग 80 साल की हो चली है, लेकिन अभी तक उसे जमीन नहीं मिली। एस डी ओ की रिपोर्ट में यह बात स्पस्ट हुई कि याची को वर्ष 2016 में ग्राम इटगांव जिला अयोध्या में लगभग आधा एकड़ जमीन आवंटित की जा चुकी है। न्यायालय ने राज्य सरकार व केंद्र सरकार से जानकारी मागते हुए उस समय के शहीदों को दी जाने वाली सहायता राशि व जमीन के बावत स्कीम तलब की है। अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी।