नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी के गिरीश चंद्र ने सरकार पर अनुसूचित जाति/जनजाति, शिक्षा और किसानों की सिर्फ बात करने का आरोप लगाते हुये मंगलवार को कहा कि उसने बजट में इनके लिए प्रावधान नहीं किये हैं। चंद्र ने लोकसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि यह सरकार अनुसूचित जाति/जनजाति की बात तो करती है, लेकिन उनके लिए बजट में उनके लिए प्रावधान नहीं किया गया है। वह बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की बात तो करते हैं, लेकिन उनके नाम पर चलने वाली योजनाओं को बंद कर रहे हैं। बसपा सदस्य ने कहा कि शिक्षा के प्रति यह सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन उनके संसदीय क्षेत्र नगीना में चार शिक्षा संस्थानों की इमारतें तैयार हैं पर पढ़ाई शुरू नहीं की जा रही।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों को मजबूत करने की बात करती है, लेकिन बिजली और डीजल महँगा कर कृषि उत्पाद की लागत बढ़ा रही है। कांग्रेस सदस्य के.जयकुमार ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान रोजगार और कालाधन पर बड़े-बड़े वादे किये थे, लेकिन इस बार चुनाव अभियान में उसका कोई जिक्र नहीं किया। पेट्रोल-डीजल की कीमत के बारे में उसने कुछ नहीं कहा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सदस्य ए.एम. आरिफ ने बजट को ‘जन विरोधी’ बताते हुये कहा कि इसमें देश की वास्तविक ज्वलंत समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए लोगों की आँखों पर धूल झोंका गया है। उन्होंने कहा कि जीडीपी एक संख्या भर है और 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हो जाने से भी लोगों की समस्या समाप्त नहीं होगी, जब तक कि युवाओं को रोजगार न मिले। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग सदस्य के.के. नवास ने कहा कि इस बजट में गरीबों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए कुछ भी नहीं है। ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन के असदुद्दीन ओवैसी ने भी चर्चा में हस्सा लिया।