नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता और सोनिया-इंदिरा गांधी के करीबी रहे जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि जिस संगठन में आपने पूरा जीवन लगाया, उसकी स्थिति देख कर पीढ़ा होती है। उन्होंने बताया कि पार्टी की हार का कारण भीतर है, बाहर नहीं। पार्टी में कई ऐसी बातें हुईं, जिससे मैं सहमत नहीं था और ये मैंने पार्टी नेतृत्व को बताया था।
आर्थिक आरक्षण ऐसा मसला था, मैने अध्यक्ष को कहा था कि मैं आपसे सहमत नहीं हूं। जनार्दन द्विवेदी सबसे लंबे समय तक कांग्रेस महासचिव रहे हैं। उन्होंने 2018 में स्वेच्छा से रिटायरमेंट लिया था। जनार्दन द्विवेदी ने पांच कांग्रेस अध्यक्षों इंदिरा, राजीव, नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के साथ काम किया है। उन्हें सोनिया गांधी और राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।