नई दिल्ली। लोकसभा में शपथग्रहण के दौरान पश्चिमी बंगाल से निर्वाचित होकर आए सदस्यों को मंगलवार को जब शपथ लेने के लिए आमंत्रित किया गया तो पूरा सदन ‘मा माटी मानुष, जय काली, जय भवानी, जय और जय श्रीराम तथा भारत माता की जय’ के नारों से गूंज उठा तथा भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के बीच तनातनी की स्थिति बन गयी। लोकसभा महासचिव स्रेहलता श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश से चुनकर आये सदस्यों को शपथ दिलाने के बाद जैसे ही पश्चिम बंगाल का नाम लिया, पूरा सदन सत्ता पक्ष तथा विपक्ष के सदस्यों के नारों से गूंजने लगा। भाजपा और तृणमूल के सदस्य अपनी-अपनी सीटों पर बैठकर नारे लगाते रहे। अस्थायी अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार ने सदस्यों से कहा कि यह शपथ ग्रहण का कार्यक्रम है इसलिए सदस्यों को प्रपत्र में दिए पाठ के अतिरिक्त कुछ और नहीं बोलना है।
उन्होंने कई बार सदस्यों से ऐसा नहीं करने को कहा लेकिन विभिन्न प्रदेशों से चुनकर आए कई सदस्य शपथ लेने के बाद नारे लगाते रहे। हालात यह थे कि कल्याण बनर्जी ने शपथ के ‘दुर्गा पाठ’ किया जबकि ताहिर खान ने ‘बस्मिल्लाह अर रहमानीर रहीम’ तथा कुछ सदस्यों ने ‘अल्लाह हो अकबर’ तो कुछ ने ‘हर हर महादेव’ के नारों के साथ शपथ ली। भाजपा के सदस्य ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे तो जवाब में तृणमूल के सांसद ‘मा माटी मानुष तथा जय ममता’ के नारे लगाने लगे। तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष दस्तीकार गुस्से में दिखी और वह दोनों हाथ उठाकर जोर-जोर से ‘जय मां काली, जय बंगाल’ का नारा लगाते हुए माइक तक पहुंच गयीं।