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इसरो ने रचा इतिहास- RISAT-2B सैटेलाइट लॉन्च- घुसपैठ रोकने में करेगा मदद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 22 2019 10:59AM | Updated Date: May 22 2019 11:00AM
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नई दिल्‍ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV C46 लॉन्च किया। वहीं PSLV C46 ने सफलतापूर्वक RISAT-2B रडार पृथ्वी अवलोकन सैटेलाइट को 555 किमी ऊंचाई वाले लो अर्थ ऑर्बिट में इंजेक्ट किया। यह पीएसएलवी की 48वीं उड़ान है और रीसैट सैटेलाइट सीरीज का चौथा सैटेलाइट है।
 
यह सैटेलाइट खुफिया निगरानी, कृषि, वन और आपदा प्रबंधन सहयोग जैसे क्षेत्रों में मदद करेगा। रीसैट-2बी सैटेलाइट का इस्तेमाल किसी भी तरह के मौसम में टोही गतिविधियों, रणनीतिक निगरानियों और आपदा प्रबंधन में आसानी से किया जा सकेगा।
 
रीसैट-2बी सैटेलाइट के साथ सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इमेजर भेजा गया है। इससे संचार सेवाएं निरंतर बनी रहेंगी। इससे पहले मंगलवार को इसरो चेयरमैन के। सिवन ने तिरुपति के तिरुमला मंदिर में जाकर पूजा की। यह इसरो की परंपरा रही है कि सभी लॉन्च से पहले तिरुपति के तिरुमला मंदिर जाकर भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है।
 
बता दें कि यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं में मदद करेगा। इस सैटेलाइट के जरिए अंतरिक्ष से जमीन पर 3 फीट की ऊंचाई तक की उम्दा तस्वीरें ली जा सकती हैं। इस सीरीज के सैटेलाइट को सीमाओं की निगरानी और घुसपैठ रोकने के लिए 26/11 मुंबई हमलों के बाद विकसित किया गया था।
 
इसरो के मुताबिक बादल रहने पर रेगुलर रिमोट सेंसिंग या ऑप्टिकल इमेजिंग सैटेलाइट जमीन पर मौजूद चीजों की स्थिति ढंग से नहीं दिखा पाते। सिंथेटिक अपर्चर रडार (सार) इस कमी को पूरा करेगा। यह हर मौसम में चाहे रात हो, बादल हो या बारिश हो, ऑब्जेक्ट की सही तस्वीर जारी करेगा। इससे आपदा राहत में और सुरक्षाबलों को काफी मदद मिलेगी।
 
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