नई दिल्ली। पूर्व विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर के साथ प्रिया रमानी आपराधिक मानहानि मामले में दिल्ली की एक आदलत में सोमवार को जिरह की गयी जिसमें उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया। रमानी के वकील ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की अदालत में श्री अकबर के साथ जिरह की। पूर्व मंत्री ने कहा कि सुश्री रमानी ने उनकी छवि को खराब करने के इरादे से उनके ऊपर यौन शोषण के आरोप लगाये हैं। अकबर ने उनके खिलाफ मीट टू के तहत सोशल मीडिया पर लगाये गये करीब 20 महिलाओं के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि सभी आरोप आधारहीन और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं। उन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने रमानी को मिलने के लिए होटल के कमरे में बुलाया था।
उन्होंने इस बात से भी इंकार किया कि उनके परिवार,विदेश में पढ़ाई और पहली नौकरी समेत कोई निजी सवाल रमानी से पूछे थे। पूर्व मंत्री ने इससे इंकार किया कि उन्हें गलत उत्तर देने के लिए सिखाया गया है। अदालत ने मामले की सुनवाई छह जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। उल्लेखनीय है कि पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में पिछले साल अक्टूबर में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था। रमानी पर आरोप लगाया गया कि उनकी छवि खराब करने के लिए झूठी कहानियां गढ़ी गयीं। इससे न सिर्फ उनकी पारिवारिक बल्कि राजनीतिक छवि पर भी बुरा असर पड़ा। अकबर के साथ करीब 20 साल पहले काम कर चुकीं रमानी ने ट्विटर पर मी टू अभियान के तहत उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। इसके बाद अन्य महिलाओं ने भी ट्विटर पर ही उन पर ऐसे आरोप लगाए थे। अकबर ने पिछले साल अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।