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ई सिगरेट पर प्रतिबंध को लेकर 1000 डॉक्टरों ने लिखा मोदी को पत्र

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Mar 23 2019 5:13PM | Updated Date: Mar 23 2019 5:13PM
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 नई दिल्ली। देश के 24 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के 1,000 से अधिक चिकित्सकों ने ई सिगरेट, ई हुक्का पर प्रतिबंध को जारी रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इन चिकित्सकों ने शनिवार को जारी बयान में यह जानकारी देते हुये कहा कि प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि युवाओं के बीच इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ईएनडीएस) जिसमें ई सिगरेट, ई हुक्का आदि शामिल हैं, महामारी बन कर फैले, इससे पहले इस पर रोक लगाने की महत्ती आवश्यकता है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले ये 1,061 डॉक्टर इस बात से चिंतित हैं कि एक सार्वजनिक स्वास्थ्य मामले पर, व्यापार और उद्योग संगठन ई-सिगरेट के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दे रहे हैं। ई सिगरेट को ई सिग, वेप्स, ई हुक्का, वेप पेन भी कहा जाता है। कुछ ई सिगरेट नियमित सिगरेट, सिगार या पाइप जैसे दिखते हैं।  कुछ यूएसबी फ्लैश ड्राइव, पेन और अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं की तरह दिखते हैं जो युवाओं को आकर्षित करने वाले होते है।
 
इन चिकित्सकों ने इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिक मंत्रालय को देश के 30 संगठनों द्वारा लिखे गये एक पत्र पर चिंता  व्यक्त करते हुये कहा है कि यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य का मामला है और इसलिए इसे खतरे में डालकर व्यावसायिक हितों की रक्षा नहीं की जानी चाहिए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 संगठनों ने इंटरनेट पर ईएनडीएस के प्रचार पर प्रतिबंध न लगाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को पत्र लिखा था।
उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त, 2018 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को ईएनडीएस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया था। इस साल मार्च में मंत्रालय द्वारा नियुक्त स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक पैनल ने अपनी रिपोर्ट दी थी जिसमें ईएनडीएस पर 251 शोध अध्ययनों का विश्लेषण किया गया था। पैनल ने निष्कर्ष निकाला कि ईएनडीएस किसी भी अन्य तंबाकू उत्पाद जितना ही खराब है और निश्चित रूप से असुरक्षित है।
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