नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह मस्त ने शनिवार को कहा कि ऋण माफी किसानों की समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं है और उनकी पार्टी की ओर इस संबंध में लोगों से सुझाव लिये जा रहे हैं जिन्हें किसान संकल्प पत्र में शामिल किया जायेगा। सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसानों की ऋण माफी से उनकी सम्स्याओं का तत्काल समाधान हो जाता है और इसके बाद वे फिर से ऋण के जाल में फंस जाते हैं। उनकी पार्टी ऐसी व्यवस्था करना चाहती है जिससे किसानों को ऋण नहीं लेना पड़े।
किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर पूरे देश में उनसे सुझाव लिये जा रहे हैं जिन्हें किसान संकल्प पत्र में शामिल किया जायेगा तथा भविष्य में उसी के आधार पर सरकार नीतियां बनायेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कोष योजना की शुरुआत की है जिससे किसानों के बैंक खाते में सालाना 6000 रुपए डाला जायेगा । इसकी पहली किस्त का भुगतान किया गया है। इससे देश के करीब 14 करोड़ किसान परिवारों को आर्थिक लाभ मिलेगा । इस आर्थिक सहायता का लाभ किसानों को रबी और खरीफ फसल के अवसर पर मिलेगा जिस समय वे आर्थिक तंगी में होते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कोष पर वहीं लोग सवाल उठा रहे हैं जिन्होंने पिछले 60 साल के दौरान किसानों ने लिए कुछ नहीं किया है। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पिछले पांच साल के दौरान अनेक नयी योजनाएं शुरु की गयी हैं और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गयी है । इसके साथ ही व्यापक पैमाने पर अनाजों की खरीद की जा रही है । सिंह ने कहा कि अधिकतर स्थानों में गन्ना किसानों की बकाया राशि का भुगतान किया गया है और इसके लिए चीनी मिलों को अर्थिक मदद भी दी गई है ।