नई दिल्ली। भारत के बैंकों को करोड़ों का चूना लगाकर विदेश जाकर बैठे भगोड़े कारोबारी विजय माल्या पर पीएमएलए कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाया है। विशेष पीएमएलए अदालत ने आज विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। कोर्ट ने ये फैसला प्रवर्तन निदेशालय की याचिका पर सुनाया है। इस घोषणा के साथ ही माल्या की संपत्तियों को सरकार द्वारा जब्त करने का रास्ता साफ हो गया है।
कोर्ट ने इस फैसले को 26 दिसंबर 2018 को 5 जनवरी 2019 तक के लिए सुरक्षित रखा था। माल्या ने पीएमएलए कोर्ट ने दलील थी कि वह भगोड़ा अपराधी नहीं है और न ही मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल है। इससे पहले विजय माल्या ने दिसंबर महीने में आग्रह किया था कि उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिये शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने माल्या की इस अर्जी को खारिज कर दिया था।
ऐसे मामलों में प्रॉपर्टी जब्त करने के बाद नीलामी के माध्यम से बैंक कर्ज वसूली कर लेते हैं। हालांकि नीलामी वाली प्रॉपर्टी को खरीदने से कई लोग गुरेज करते हैं। विजय माल्या के प्रत्यर्पण की भी प्रक्रिया में भारत को काफी सफलता मिल चुकी है। कोर्ट के आज के आदेश से माल्या नए कानून के तहत देश का पहला आर्थिक भगोड़ा बना है।