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निचली अदालतों में अच्छे जजों की नियुक्ति चाहते हैं रविशंकर प्रसाद

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 2 2019 12:06PM | Updated Date: Jan 2 2019 12:07PM
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नई दिल्ली। विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज कहा कि सरकार निचली अदालतों के लिए जजों के चयन के लिए अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन की दिशा में प्रयासरत है और इससे संघीय ढांचे का अतिक्रमण नहीं होगा। प्रसाद ने लोकसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा, हम राज्य सरकारों के अधिकारों या वहां आरक्षण की व्यवस्था में अतिक्रमण करना नहीं चाहते। हम सिर्फ यह चाहते हैं कि निचली अदालतों में अच्छे जजों की नियुक्ति हो। इसके लिए खाली पदों का एक हिस्सा मात्र केंद्रीय परीक्षा के माध्यम से भरा जाएगा।
 
शेष पदों पर नियुक्ति मौजूदा व्यवस्था के तहत होती रहेगी। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के गठन से पहले राज्यों और उच्च न्यायालयों की अनुमति आवश्यक होगी। उनसे बात चल रही है। सरकार चाहती है कि संघ लोक सेवा आयोग के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षा का आयोजन हो और अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के तौर पर भी प्रतिभाशाली जजों की नियुक्ति हो। 
 
विधि मंत्री ने बताया कि निचली अदालतों में देश भर में न्यायाधीशों के पांच हजार से ज्यादा पद खाली हैं। लेकिन, निचली अदालतों में नियुक्ति में केंद्र या राज्य सरकारों की कोई भूमिका नहीं होती। यह काम उच्च न्यायालय का होता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी उच्च न्यायालयों को पत्र लिखकर नियुक्ति में तेजी लाने के लिए कहा है। 
 
साथ ही निचली अदालतों में लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए 10 साल से पुराने सभी मामलों की त्वरित सुनवाई का निर्देश भी दिया गया है। प्रसाद ने बताया कि उच्च न्यायालयों में भर्ती के मामले में मौजूदा सरकार का काम पिछली सरकारों से बेहतर रहा है। उसने वर्ष 2016 में 126 जजों, वर्ष 2017 में 118 जजों और वर्ष 2018 में भी सौ से ज्यादा जजों की नियुक्ति उच्च न्यायालयों में की है। 
 

 

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