नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर पर तेज हुई राजनीति के बीच केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख घटक दल जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के अध्यक्ष तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि राम मंदिर मुद्दे का फैसला अदालत के फैसले या आपसी सहमति से होगा।
नीतीश कुमार ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए बिहार के सीटों के बंटवारे पर हुई बैठक के बाद यहा यहाँ संवाददाताओं के प्रश्न के उत्तर में कहा ‘‘हर पार्टी की अपनी-अपनी राय चलती रहती है। हमारा प्रारंभ से ही यह मत रहा है कि राम मंदिर के मुद्दे का हल या तो अदालत के फैसले से या आपसी सहमति से होगा।’’ उन्होंने कहा कि वह वर्ष 1996 में भाजपा के साथ आये थे और 1999 में राजग में शामिल हुये थे। भले ही बाद में जदयू और भाजपा का संबंध विच्छेद हो गया था, लेकिन उनकी हमेशा से यही राय रही है कि मंदिर मुद्दे का फैसला आपसी सहमति से या अदालत के फैसले से हो।
संवाददाताओं ने श्री कुमार से जब यह पूछा कि लोकसभा चुनाव में बिहार में मुकाबला त्रिकोणीय होगा या सीधा, तो जदयू नेता ने कहा ‘‘मेरी आदत ज्यादा बोलने की नहीं, काम करने की है जबकि कुछ लोगों का काम सिर्फ बोलना है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा में बिहार में राजग का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
गौरतलब है कि आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के घर पर हुई बैठक में बिहार की 40 सीटों में भाजपा और जदयू को 17-17 और लोक जनशक्ति पार्टी को छह सीटें देने का फैसला हुआ। साथ ही लोजपा प्रमुख राम विलास पासवान को राजग के टिकट पर राज्यसभा उम्मीदवार बनाने का भी निर्णय हुआ।