नई दिल्ली। सीबीआई ने अपने विशेष निदेशक राकेश आस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के संबंध में एजेंसी के डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। डीएसपी देवेंद्र कुमार को इस मामले में फर्जी बयान दर्ज करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई की ओर से देवेंद्र कुमार के आॅफिस में छापेमारी की गई।
डीएसपी के दफ्तार में छापेमारी, आठ मोबाइल फोन जब्त
सीबीआई के मुताबिक छापेमारी के दौरान देवेंद्र कुमार के पास से आठ मोबाइल फोन भी बरामद किए गए हैं। दरअसल, यह मामला मांस कारोबारी मोइन कुरैशी मामले से जुड़ा हुआ है। आरोपी डीएसपी देवेंद्र सिंह इस केस के इन्वेस्टीगेशन आफीसर थे। उन पर आरोप है कि उन्होंने इस केस के गवाह हैदराबाद के व्यवसायी सतीश सना के बयान फर्जी तरीके से दर्ज किए थे। मामले का खुलासा होने पर सीबीआई ने डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
जांच में फर्जी बयान का हुआ खुलासा
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार मोइन कुरैशी मामले में धारा 161 के तहत सतीश सना के बयान बतौर गवाह दर्ज किए जाने थे। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि इस मामले के जांच अधिकारी डीएसपी देवेंद्र सिंह ने 26 सितंबर 2018 को गवाह सतीश सना के बयान दिल्ली में दर्ज किए हैं, जबकि, जांच में सतीश सना ने खुलासा कि 26 सितंबर 2018 को सतीश सना दिल्ली में ही नहीं था। उस दिन उसके हैदराबाद में होने के साक्ष्य सीबीआई को मिले हैं। आरोपी डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ चल रही जांच में खुलासा हुआ कि वास्तविकता में सतीश सना ने एक
अक्टूबर को इन्वेस्टीगेशन ज्वाइन की थी।
सना के फर्जी स्टेटमेंट में यह लिखा
- सीबीआई के अनुसार, 26 सितंबर 2018 को डीएसपी देवेंद्र सिंह ने सतीश सना के फर्जी बयान दर्ज किए थे।
- बयान में सना के नाम से लिखा गया था कि जून 2018 में मैंने अपने केस के बाबत अपने पुराने मित्र और राज्यसभा सांसद सीएम रमेश से चर्चा की।
- सांसद सीएम रमेश ने आश्वासन दिया कि वह इस बाबत सीबीआई के संबंधित डायरेक्टर से बात करेंगे।
- इसके बाद हुई मुलाकात में सांसद ने बताया कि वे व्यक्तिगत तौर पर सीबीआई के डायरेक्टर से मिले हैं।
- सीएम रमेश ने आश्वासन दिया कि सीबीआई अब सना को फोन नहीं करेगी।