जयपुर। अपने बयानों की वजह से अकसर चर्चा में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सीएए और एनआरसी पर एक विवादित बयान दिया है। रविवार को थरूर ने कहा है कि यदि सरकार सीएए के बाद एनआरसी लागू करने का फैसला करती है तो पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना की जीत मुकम्मल हो जाएगी। थरूर से जयपुर साहित्य सम्मेलन के दौरान जब ये सवाल पूछा गया कि क्या सीएए का लागू होना जिन्ना की टू नेशन थ्योरी को मुकम्मल करता है तो उन्होंने इसके जवाब में कहा, मैं ये नहीं कहूंगा कि जिन्ना जीत गया है बल्कि वो जीत रहा है।'
उन्होंने आगे कहा, यदि सीएए के बाद एनपीआर और एनआरसी को लागू किया जाता है तो वो निर्णय उसी दिशा की ओर एक कदम होगा। यदि ऐसा होता है तो जिन्ना की जीत पूरी तरह मुकम्मल हो जाएगी। जिन्ना आज जहां कहीं होंगे वो कह रहे होंगे कि वो सही थे कि मुसलमानों का एक अलग मुल्क होना चाहिए क्योंकि हिंदू मुसलमानों के बारे में नहीं सोच सकते।'
मोदी सरकार द्वारा लागू किया गया नागरिकता संशोधन कानून 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने से संबंधित है। ऐसे में विपक्ष का मानना है कि मुसलमानों को इस कानून के दायरे से बाहर साजिशन किया गया है। इस कानून के अंतर्गत हिंदू, सिक्ख, जैन, पारसी, बौद्ध और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।