नई दिल्ली। लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर की तर्ज पर भारत में गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण की स्थापना को सुलभ करने वाले विधेयक को आज लोकसभा में विचार के बाद पारित कर दिया। इस विधेयक में ही भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी और आईआरडीए से जुड़े 14 कानूनों में भी बदलाव किया जा रहा है। सदन में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र प्राधिकरण विधेयक 2019 पर करीब तीन घंटे तक चर्चा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब देते हुए स्पष्ट किया कि देश में गुजरात में गिफ्ट सिटी में अंतराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र एसईजेड स्थापना की अनुमति 2015 में नहीं बल्कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने 18 अगस्त 2011 को दी गयी थी और उसे अधिसूचित किया गया था।
2015 में प्राधिकरण के कामकाज के तौर तरीके के बारे में अधिसूचना जारी की गयी थी। वित्त मंत्री ने कहा कि किसी भी राज्य को वित्तीय सेवाओं के एसईजेड बारे में कोई बंधन नहीं है। कोई भी राज्य इसका आवेदन करेगा और उसके लिए पर्याप्त ढांचागत व्यवस्था करता है तो उसे अनुमति दी जा सकती है लेकिन सरकार ने तय किया है कि पहले गिफ्ट सिटी के प्रथम वित्तीय एसईजेड की क्षमता का पूर्ण उपयोग हो जाये तो फिर अन्य के बारे में विचार किया जा सकता है। उन्होंने प्रो. सौगत राय और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले द्वारा मुंबई एवं बांद्रा कुर्ला कॉम्लेक्स में इसे बनाने के सुझाव के बारे में सफाई देते हुए कहा कि विधेयक किसी भी राज्य को रोकता नहीं है। इस बारे में किसी भी गलत धारणा का खंडन करना जरूरी है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस विधेयक के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी और आईआरडीए से जुड़े 14 कानूनों में इस प्रकार से बदलाव किया जा रहा है कि वित्तीय सेवा एसईजड में सभी इकाइयों में एकल खिड़की विनियामक होगा जबकि देश में अन्यत्र ये कानून पूर्ववत लागू रहेंगे। इन कानूनों में सात कानून रिजर्व बैंक, तीन सेबी, तीन आईआरडीए और एक पेंशन नियामक प्राधिकरण से संबंधी है। सीतारमण ने कहा कि गिफ्ट सिटी का आईएफसीज एसईजेड के बारे में बताया कि यह 886 एकड़ का क्षेत्र है जिसमें 625 एकड़ घरेलू कारोबार के लिए और 261 एकड़ अंतरराष्ट्रीय एसईजेड है जो मल्टीसर्विस एसईजÞेड है। उन्होंने कहा कि इसकी स्थापना कोई एक दिन की प्रक्रिया नहीं है। यह 2016 से शुरू हुई जब प्रतिस्पर्द्धा कर लाया गया।
2017 में छूट दी गयी। विवाद निपटारा व्यवस्था लायी गयी। कई बैंकर एवं बीमा कंपनियां आयीं। 2019 में एयरक्राफ्ट लीज की अनुमति मिली। उन्होंने बताया कि वहां इस समय 13 अंतरराष्ट्रीय बैंकर, 19 बीमा कंपनियां, 50 कैपिटल मार्केट कारोबारियों को लाइसेंस दिया गया है। उन्होंने कहा कि आईएफसी एक ऐसी कंपनी होगी जिसमें सरकार का शेयर 51 प्रतिशत से कम होगी तथा यह नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) और केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के दायरे में आयेगी। देश के ऋण के बारे में कहा कि वर्ष 2012-13 में 52 प्रतिशत ऋण था जो 2018-19 में 49.5 प्रतिशत हो गया है।