गांधीनगर। मोदी सरकार की सत्तावापसी के बाद किसी अमेरिकी मंत्री की पहली भारत यात्रा के तौर पर आज से शुरू हो रहे विदेश मंत्री माइकल पाम्पियो के तीन दिवसीय दौरे को बेहद महत्वपूर्ण करार देते हुए उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने आज कहा कि अमेरिका और ईरान के बीच के मौजूदा हालात में भारत अपने राष्ट्रीय हित के आधार पर ही कोई रूख अपनायेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका-ईरान दोनो से भारत के अच्छे संबंध हैं और उनके बीच का तनाव उन कुछ मुश्किल अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों में से एक है जो भारत के समक्ष हैं।
जयशंकर ने सत्तारूढ़ भाजपा के प्रत्याशी के तौर पर गुजरात में राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन के बाद पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस मामले में भारत का रूख राष्ट्रीय हितों से ही निर्देशित होगा। विदेश मंत्री ने कहा कि पाम्पियो का दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने अमेरिका के साथ भारत के व्यापार शुल्क संबंधी विवाद के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस तरह के विवाद कभी कभी पैदा हो जाते हैं पर कूटनीति का तकाजा है कि दोनो देश ऐसी बातों को ढूंढे जो दोनो के लिए लाभदायक हो।
एंटीगुआ के प्रधानमंत्री की ओर से पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी के संभावित प्रत्यर्पण संबंधी रिपोर्टों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने भी इसे मीडिया में ही देखा है इसलिए वह कोई टिप्पणी नहीं कर सकते। चीन के साथ संबंधों के मामले में भारत की नीति में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि स्थिति में बदलाव के साथ नीति में बदलाव तो होगा। यह भी जरूरी नहीं है कि नीति एक ही लाइन पर चले।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और इस साल उनके यहां आने की उम्मीद है। उस मुलाकात के बाद से ही दोनो देशों के संबंधों में स्थिरता दिख रही है। उन्होंने कहा कि उनका भी इस साल चीन दौरे की योजना है हालांकि अभी इसका कार्यक्रम तय नहीं हुआ है।