हरिद्वार। सेना के शहीद मेजर विभूति ढोंडियाल की मंगलवार को यहां स्थित खड़खड़ी शमशान घाट पर पूरे सैन्य एवं राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। इस मौके पर श्हीद विभूति के अंतिम दर्शन करने को बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए थे। इससे पहले स्थानीय विधायक एवं राज्य के मंत्री मदन कौशिक ने भी शहीद विभूति ढोंडियाल के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की। जबकि उनके चाचा जगदीश प्रसाद ने शहीद विभूति के पर्थिव शरीर को मुखग्नि दी। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उनके रिश्तेदार और परिचति भी मौजूद थे। सेना के अधिकारी और जवान भी अपने साथी को अंतिम विदाई देने के लिए वहां उपस्थित थे।
अंत्येष्टि से पहले मातमी धुन बजाई गई। सशस्त्र सेना की टुकड़ी ने उन्हे 12 तोपों की सलामी दी। तिरंगे की शान के लिए शहीद हुए मेजर ढोंडियाल का पार्थिव शरीर तिरंगे झंडे में लिपटा हुआ था। बाद में परंपरा के अनुसार झंडा उनके परिजनों को सौंप दिया गया। हरिद्वार के तमाम प्रशासनिक और पुलिस अघीकारी भी वहां पहुंच कर शहीद मेजर को श्रद्धाजंलि अर्पित की। तमाम सामाजिक और राजनैतिक दलों ने भी दिवंगत विभूति को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर लोंगों में पकिस्तान के प्रति भारी आक्रोश देखा गया। पाकिस्तान मुदार्बाद के नारे लगाकर लोगों ने अपने आक्रोश जताया।
भारत माता की जय और जब तक सूरज चांद रहेगा, वीरों तुम्हारा नाम रहेगा के नारे लगाते सैकड़ों लोग भारत मां के इस लाल के अंतिम दर्शन करने वहां पहुंचे थे। विधायक गणेश जोशी ने बताया कि वह शहीद मेजर विभूति ढोंडियाल को व्यक्तिगत रूप से जानते थे। वह एक बहादुर अफसर थे। सेना ने त्वरित कार्यवाही करते हुए पुलवामा हमले के मास्टर माईंड गाजी को मार गिराया है। हम शहीदों को नमन करते है । उनका बलिदान व्यर्थ नही होने दिया जाएगा। शहीद विभूति के मित्र राजीव खंडूरी ने बताया कि विभूति एक हंसमुख इंसान रहे है, वह काफी मजाक किया करते थे।
उन्होंने कहा कि शहीद विभूति ने देश के लिए अपना बलिदान देकर हमारा नाम रौशन किया है। उन्होंने बताया कि उनका शुरू से सपना रहा है कि वह देश की सेवा करेगे। गौरतलब है कि मेजर विभूति ढोंडियाल पुलवामा में आतंकवादियों से मुठभेड़ मे शहीद हो गए थे। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर देहरादून उनके आवास पर लाया गया था। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भी दिवंगत मेजर विभूति ढोंडियाल को भवभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।