नई दिल्ली। राफेल तथा अन्य मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे जैसे ही सदन समवेत हुआ, कांग्रेस, तेलुगुदेशम् और अन्नाद्रमुक के सदस्य हाथों में अपनी मांगो की तख्तियां लिए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगे।
कांग्रेस राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग कर रही थी। उनकी तख्तियों पर मोदी का भ्रष्टाचार सामने आ गया के नारे लिखे थे। तेलुगुदेशम् के सदस्य आंध प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा तथा आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत किए गए वादों को पूरा करने की मांग कर रहे थे। अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर नये बांधो के निर्माण के विरोध में नारे लगा रहे थे।
सतारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के सदस्य भी हाथों में तख्तियां लिए अपनी जगह पर खड़े हो गए। वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से राफेल मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद माफी की माँग कर रहे थे। साथ ही वे 1984 के सिख दंगों को लेकर भी कांग्रेस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कुछ सदस्य अपनी जगह से उठकर रास्ते में भी आ गये, लेकिन वे सदन के बीचों-बीच नहीं आए।
शोर-शराबे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और सदन को सूचित किया कि उन्हें सर्वश्री एन के प्रेमचंद्रन, पी करुणाकरन, अनुराग ठाकुर, प्रसाद जोशी, प्रसाद सिंह पटेल, निशिकांत दुबे और संजय जायसवाल द्वारा विशेषाधिकार हनन के नोटिस मिले हैं जो उनके विचाराधीन है।