नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राफेल केस में 24 घंटे बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कानूनी पहलुओं पर केंद्र सरकार को घेरा। शनिवार को उन्होंने फैसले के कई पैरे पढ़े और पूछा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट कहां दी है, जैसा कि यह सरकार दावा कर रही है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने फाइलें नहीं मंगवाई और नोटिंस नहीं देया तो फिर अपनी पीठ थपथपाना कि 'क्लीन चिट' मिल गया ये बचकानी बातें हैं।
सिब्बल ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब तकनीकी पक्ष और राफेल डील की प्राइसिंग की जांच ही नहीं की तो सरकार जीत का दावा कैसे कर रही है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मामले में कभी भी कोर्ट में पार्टी नहीं थी और हम पहले ही साफ कह चुके हैं कि इस मामले पर फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट उचित फोरम नहीं है क्योंकि सभी फाइलें वहां खोली नहीं जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के पास इसका अधिकार नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि राफेल में भ्रष्टाचार, कीमत, तकनीक आदि की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट उचित अथॉरिटी नहीं है।
उन्होंने कोर्ट के फैसले के 12वें, 15वें और 34वें पैरे का जिक्र करते हुए कहा कि SC ने खुद कहा है कि उसका अधिकार क्षेत्र सीमित है। सिब्बल ने कहा, कोर्ट ने कहा है कि तकनीकी तौर पर क्या सही है, यह हम तय नहीं कह सकते हैं। कोर्ट ने कहा है कि हम कीमतों और तकनीक पर फैसला नहीं कर सकते हैं। प्रसीजर की जहां तक बात है तो राफेल एक दमदार प्लेन है।