नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अगुस्ता वेस्टलैंड पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनकी सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए देश को गुमराह कर दूसरों पर कीचड़ उछालने का काम कर रही है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां जारी एक बयान में बुधवार को कहा भारतीय जनता पार्टी ने जो भ्रष्टाचार किया है उसे छिपाने के लिए झूठे साक्ष्य तैयार कर शोर मचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी विधानसभा चुनावों में हार को देखते हुए घबरा रहे हैं और अगुस्ता वेस्टलैंड मामले में झूठे आरोप लगा कर उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक निविदा के अनुसार 12 हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए अनुबंध फरवरी 2010 में अगुस्ता वेस्टलैंड को 3546 करोड़ रुपए की राशि के साथ आवंटित किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के मद्देनजर तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने जांच के आदेश दिए और फरवरी 2013 में संप्रग सरकार ने अगुस्ता वेस्टलैंड सौदे को रद्द कर दिया। प्रवक्ता ने कहा कि 12 फरवरी, 2013 को कांग्रेस-संप्रग सरकार ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सुपुर्द कर दिया और उसी साल मार्च में सरकार ने अगुस्ता वेस्टलैंड मामले पर संयुक्त संसदीय समिति के गठन का प्रस्ताव किया, लेकिन भाजपा ने इस मुद्दे पर शामिल होने या सहयोग करने से इंकार कर दिया।
सुरजेवाला ने कहा कि 10 फरवरी 2014 को कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड और उसकी मूल कंपनी फिनमेकेनिका को ब्लैकलिस्ट करने के लिए कार्यवाही शुरू की और अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा भारतीय बैंकों में जमा 240 करोड़ रुपये की गारंटी राशि को भुना लिया। बाद में सरकार ने इटली के मिलान में अगस्ता वेस्टलैंड के खिलाफ मामला भी दर्ज कर दिया। संप्रग की सरकार ने 1,620 करोड़ रुपये के भुगतान के बदले अगस्ता वेस्टलैंड से 2,068 करोड़ रुपये वसूल किये।
प्रवक्ता ने कहा कि इसके बावजूद मोदी सरकार ने जुलाई, 2014 में अपने अटॉर्नी जनरल से विशेष राय लेकर अगस्ता वेस्टलैंड/फिनमेकेनिका को ‘मेक इन इंडिया’ का हिस्सा बनने और टाटा के साथ साझेदारी में एडब्ल्यू-119 हेलिकॉप्टरों के निर्माण के लिए विदेशी निवेश संबर्धन बोर्ड द्वारा अनुमति भी प्रदान कर दी। श्री अरुण जेटली उस समय देश के रक्षा मंत्री थे।