नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर है। यहां दिलशाद गार्डन स्थित संस्कार आश्रम से 9 नाबालिग लड़कियां लापता हो गईं हैं। ये लड़कियां 1 दिसंबर से 2 दिसंबर की रात के बीच गायब हुई हैं और दिल्ली सरकार ने इस मामले में कार्रवाई भी कर दी है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने डिस्ट्रिक्ट अफसर और आश्रम के अधीक्षक को तुरंत सस्पेंड करने का आदेश दे दिया है। वैसे पुलिस ने जीटीबी एन्क्लेव थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है। जो 9 लड़कियां गायब हुई हैं वे सभी बाल कल्याण समिति के आदेश पर इसी साल 4 मई को द्वारका के एक शेल्टर होम से यहां ट्रांसफर की गई हैं।
सभी बच्चियां मानव तस्करी और देह व्यापार मामलों में पीडि़त थीं। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर बच्चियों को जल्द से जल्द ढूंढने की मांग की है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि बच्चियों कैसे गायब हुई हैं। इससे पहले बिहार के मुजफ्फरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया स्थित शेल्टर होम केस की खहरें राष्ट्रीय स्तर पर छाई रहीं। जिसे लेकर राज्य सरकार बहुत सतर्क है।
बाल गृहों की स्थिति कितनी भयावह है उसका पता एनसीपीसीआर की रिपोर्ट से चलता है। कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा समिति ने सोशल ऑडिट रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला सच सामने आया है। एनसीपीसीआर की रिपोर्ट की मानें तो अब तक जांच दलों की ओर से कुल 2,874 बाल आश्रय गृहों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें से केवल 54 ही नियमों के पालन करने के मानक पर खरे उतर पाए।