नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर सभी देशों को एकजुट होना चाहिए। राजनाथ ने यहां के ऐतिहासिक गांधी मैदान में अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के दो दिवसीय 28वें शिक्षा-शिक्षक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर सभी देश एकजुट हो जाना चाहिए। सभी देश एकजुट होंगे, तभी आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान में चीनी दूतावास पर हुए हमले की निंदा की और कहा कि इसकी जितनी भी निंदा की जाए वह कम ही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत भी आतंकवाद से अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ देश की सुरक्षा में लगे सेना के जवान जो मुहिम चला रहें, उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब वह मंत्री बने थे, उस समय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पांच जवानों की हत्या पाकिस्तान द्वारा कर दी गई थी। घटना के तत्काल बाद उन्होंने बीएसएफ के अधिकारियों से बात की। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान की ओर से 16 बार हमले किए गए हैं। इस पर उन्होंने सेना के अधिकारियों से कहा कि वह क्या कर रहे है।
उन्होंने कहा कि 17वीं बार हमला हुआ तो जवाब देंगे। गृहमंत्री ने बताया कि उन्होंने सेना के अधिकारियों से कहा कि जो देश 16 बार हमला करने के बाद भी सफेद झंडा दिखाने पर हमारी बात नहीं सुन रहा, वैसे देश को 17वीं बार मौका नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने सेना को स्पष्ट रूप से कह दिया कि पहली गोली हमारी तरफ से नहीं चलेगी, लेकिन यदि दुश्मन देश से एक भी गोली भारत के सैनिकों पर चली तो सेना की तरफ से चलने वाली गोलियों की गिनती नहीं होनी चाहिए।
शिक्षक चाहें तो कर सकते हैं नए भारत का निर्माण
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शिक्षकों की महत्ता समझाते हुए कहा कि किसी भी देश के विकास के लिए एक शिक्षक की भूमिका अहम होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षक के द्वारा ही भारत एक बार फिर पूरे विश्व का गुरु बन सकता है। शिक्षक चाहें तो नए भारत का निर्माण कर सकते हैं। हमें पूरा विश्वास है कि शिक्षक अपनी कर्तव्य निष्ठा और श्रद्धा के साथ कार्य करें तो देश का विकास हो सकता है।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़े शिक्षक भगवान बुद्ध हुए, जिन्होंने पूरे विश्व को शांति का पाठ पढ़ाया। आज हमारी सरकार भारत को फिर से ताकतवर बनाने की कोशिश कर रही है। हम ऐसे भारत का निर्माण करना चाहते हैं, जो ज्ञानवान,चरित्रवान और धनवान हो। छात्रों को शिक्षा के साथ ही संस्कार मिले।