नई दिल्ली। साझा मूल्यों और आपसी समझ को अमेरिका और भारत के संबंधों की बुनियाद करार देते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को कहा कि जल्द ही 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनने वाले भारतीय बाजार में अमेरिकी कंपनियों के शानदार संभावनाएं हैं।
प्रभु ने यहां भारत-अमेरिका रणनीतिक भागीादारी मंच की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अर्थव्यवस्था जल्दी ही 50 खरब डालर की हो जाएगी और वर्ष 2035 तक इसका आकार 100 खरब डालर का होगा। इसको ध्यान में रखते हुए अमेरिकी कंपनियों को निवेश के बेहतर मौके उपलब्ध मौजूद हैं। उन्होेंने कहा कि दोनों देशों के संबंध आपसी समझ और साझा मूल्यों पर आधारित हैं।
इसलिए भारत कभी भी अमेरिका के लिए रणनीतिक चुनौती नहीं बल्कि बल्कि भारत की नीति उसकी सहयोगी बनेगी। उन्होेंने सरकार की विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में कारोबार करने की प्रक्रिया में सराहनीय सुधार हुआ है और चीन से निकलने की इच्छुक अमेरिकी कंपनियों को भारत ने आकर्षक प्रस्ताव किए हैं।