28 Mar 2024, 16:54:20 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
news » National

संघ-विहिप ने बढ़ाया दबाव महंत ने दी आत्मदाह की धमकी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 30 2018 11:09AM | Updated Date: Oct 30 2018 11:09AM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्ली। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को महज 3 मिनट सुना और अगले साल जनवरी तक सुनवाई टाल दी। माना जा रहा है कि अगले साल आम चुनाव से पहले इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने की संभावना बेहद कम है। मोदी सरकार के लिए इससे दुविधा की स्थिति हो गई है। 
 
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार और रामलला के वकील ने तुरंत सुनवाई की मांग की। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने सुनवाई बेहद कम वक्त चली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारी अपनी प्राथमिकताएं हैं, जनवरी के पहले हफ्ते में उचित बेंच इस बारे में फैसला लेगी कि सुनवाई कब से होगी। 
 
सुनवाई जनवरी तक स्थगित किए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने का दबाव सोमवार को बढ़ा दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विहिप ने सरकार ने कहा कि वह संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में कानून बनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे। दोनों ने कहा कि राममंदिर बनने से देश में सद्भावना के वातावरण का निर्माण होगा। 
 
वहीं महंत परमहंस दास ने सरकार से राम मंदिर एक महीने के भीतर कानून बनाने की मांग की है। परमहंस ने कहा, पिछली बार जब मैंने अनशन किया था, तब मुझे जबरन उठाकर अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। मैं सरकार से राम मंदिर पर तुंरत कानून बनाने की मांग करता हूं। अगर सरकार ऐसा नहीं करेगी तो मैं फिर से अनशन पर बैठूंगा। आत्मदाह भी कर लूंगा।
 
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने यहां एक बयान में कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में यह स्वीकार किया था कि उपरोक्त स्थान रामलाल का जन्म स्थान है। तथ्य और प्राप्त साक्ष्यों से भी यह सिद्ध हो चुका है कि मंदिर तोड़कर ही वहां कोई ढांचा बनाने का प्रयास किया गया और पूर्व में वहाँ मंदिर ही था।  संघ का मत है कि जन्मभूमि पर भव्य मंदिर शीघ्र बनना चाहिए और जन्म स्थान पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि मिलनी चाहिए। 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »