नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में फैसले से देश के साधु-संत भड़क गए हैं। संत समाज का कहना है कि कोर्ट को सोमवार के दिन अपनी रोज की सुनवाई के मुद्दे पर फैसला लेना था, लेकिन कोर्ट ने जनवरी 2019 की नई तारीख देकर इस मामले को राजनीति से जोड़ दिया है। इस दौरान संत धरमदास ने कहा कि कोर्ट को इस मामले को राजनीति के तहत नहीं देखना चाहिए था।
आखिर कोर्ट ने मुद्दे पर सुनवाई किए बिना इसे चुनावों के करीब की तारीख क्यों दी। वहीं इस मुद्दे को लेकर पहले भी आमरण अनशन पर बैठ चुके महंत परहंस दास ने कहा कि अगर सरकार 1 महीने के भीतर राम मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश नहीं लाती तो उसे आने वाले चुनावों में इसके परिणाम भुगतने पड़ेगे। भाजपा भी इस मुद्दे को भुना रही है। महंत परहंस दास ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द कोई फैसला नहीं लिया तो मैं आत्महत्या करूंगा।