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देश में पटाखों पर बैन से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, लेकिन ये शर्तें रहेंगी लागू

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 23 2018 11:31AM | Updated Date: Oct 23 2018 3:24PM
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नई दिल्ली। देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के बाद आज यानी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध से इनकार कर दिया। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि क्रिसमस, न्यू ईयर पर रात 11.45 से 12.45 बजे तक पटाखे जलाए जाए, जबकि दीवाली पर रात 8 से 10 बजे के बीच ही पटाखे जलाए जा सकते हैं। बता दें कि देशभर में पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाने की मांग से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने 28 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
 
सुप्रीम कोर्ट ने पहले कहा था कि प्रतिबंध से जुड़ी याचिका पर विचार करते समय पटाखा उत्पादकों के आजीविका के मौलिक अधिकार और देश के 1.3 अरब लोगों के स्वास्थ्य अधिकार समेत विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन के अधिकार) सभी वर्ग के लोगों पर लागू होता है और पटाखों पर देशव्यापी प्रतिबंध पर विचार करते समय संतुलन बरकरार रखने की जरूरत है।
 
बता दें कि सर्दियों की दस्तक होते ही राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढऩे लगा है। यहां हवा की गुणवत्ता खराब स्तर पर पहुंच गई है। देश के अन्य बड़े शहरों में भी सर्दी का मौसम शुरू होते ही प्रदूषण बढऩे लगता है। दीवाली के मौके पर पटाखों के धुएं से प्रदूषण और अधिक बढऩे की आशंका होती है। हालांकि पटाखों पर बैन को लेकर यह बहस भी चल रही है कि त्योहार से ठीक पहले पटाखों पर बैन कैसे लगाया जा सकता है?
 
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