नई दिल्ली। विदेशी विनिमय कानून (फेमा) के उल्लंघन के आरोप में ईडी ने प्राइवेट न्यूज चैनल NDTV को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह मामला करीब 4,000 करोड़ रुपये का बताया जा रहा है। ईडी ने गुरुवार को कहा, ‘जांच में एनडीटीवी द्वारा 1,637 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (फेमा) के उल्लंघन का मामला सामने आया है। इसके लिए एक अन्य मामला 2,732 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश का है।
फेमा के तहत एनडीटीवी के संस्थापक और सह चेयरपर्सन प्रणय रॉय और राधिका रॉय, पत्रकार विक्रम चंद्रा और कुछ अन्य को नोटिस जारी किया गया है। जिन कंपनियों पर फेमा के उल्लंघन का आरोप है उनमें एनडीटीवी लाइफस्टाइल होल्डिंग्स, साऊथ एशिया क्रिएटिव एसेट्स लिमिटेड, एस्ट्रो ओवरसीज लिमिटेड, एनडीटीवी इमेजिन लिमिटेड आदि शामिल हैं। ईडी ने कहा है कि इसमें नियम काननू का उल्लंघन करते हुए एफडीआई हासिल करने के पहले कथित मामले में ‘एनडीटीवी द्वारा 2005 के प्रेस नोट-1 के प्रावधानों का 319 करोड़ रुपये का बड़ा उल्लंघन किया।
इसके अलावा बिना विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी के हासिल किए 138 करोड़ रुपये के डाउनस्ट्रीम निवेश का उल्लंघन किया गया।’ ईडी का दूसरा नोटिस एनडीटीवी द्वारा विदेशों में किए गए 582 करोड़ रुपये के निवेश से संबंधित है। इसमें फेमा के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ। बाकी 2,414 करोड़ रुपये का उल्लंघन रिजर्व बैंक को आवश्यक सूचनाएं देने में देरी से जुड़े हैं। वहीं दूसरी ओर अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने भी एनडीटीवी पर 10 हजार करोड़ रुपये का मुकदमा ठोका है। राफेल विमान सौदों को लेकर एनडीटीवी की रिपोर्टिंग को लेकर यह मुकदमा अहमदाबाद की अदालत में किया गया है। इस मामले पर सुनवाई 26 अक्टूबर को होगी।