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मोहन भागवत बोले, राम मंदिर बनाने के लिए कानून लाए मोदी सरकार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 18 2018 11:39AM | Updated Date: Oct 18 2018 11:39AM
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नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि भारत को इतना शक्तिशाली बनने की जरूरत है कि कोई भी देश हमसे लड़ने की हिम्मत न करे। हालांकि, उन्होंने कहा कि युद्ध की स्थिति में दोनों पक्षों को नुक्सान उठाना पड़ता है। अपने वार्षिक विजयादशमी भाषण में संघ प्रमुख ने राम मंदि, राफेल मुद्दा और सबरीमाला मंदिर विवाद पर अपनी राय रखी। 
 
राफेल सौदे पर जारी विवाद का हवाला देते हुए भागवत ने कहा कि विदेशी देशों के साथ इस तरह के करार होते रहने चाहिए लेकिन रक्षा के क्षेत्र में भारत को आत्म-निर्भर बनने के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमें अपनी सुरक्षा के लिए जिन चीजों की जरूरत है, हमें उनका उत्पादन करना चाहिए।'
 
संघ प्रमुख ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एससी और एसटी सब प्लान के लिए आवंटित धन खर्च नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, 'यदि मदद समय पर नहीं पहुंचती तो इसे मदद के रूप में नहीं देखा जा सकता। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की योजनाओं को लागू नहीं किया गया। इन योजनाओं के लिए धन क्यों नहीं खर्च हुआ?'
 
सबरीमाला मंदिर विवाद पर संघ प्रमुख ने कहा कि महिला और पुरुष समान माने गए हैं। उन्होंने कहा, 'इस मसले पर हमें आपसी सहमति बनानी चाहिए थी। भक्तों से विचार-विमर्श किया जाना चाहिए था।'
 
उन्होंने कहा, 'शबरीमल्ला देवस्थान के सम्बंध में सैकड़ों वर्षों की परम्परा, जिसकी समाज में स्वीकार्यता है, उसके स्वरूप व कारणों के मूल का विचार नहीं किया गया। धार्मिक परम्पराओं के प्रमुखों का पक्ष, करोड़ों भक्तों की श्रद्धा, महिलाओं का बड़ा वर्ग इन नियमों को मानता है, उनकी बात नहीं सुनी गई।' 
 
संघ प्रमुख ने कहा, 'यह वर्ष श्रीगुरुनानक देवजी के प्रकाश का 550वां वर्ष है। उन्होंने अपने जीवन की ज्योति जलाकर समाज को अध्यात्म के युगानुकूल आचरण से आत्मोद्धार का नया मार्ग दिखाया, समाज को एकात्मता व नवचैतन्य का संजीवन दिया।' 
 
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर भागवत ने कहा,  'श्रीराम मंदिर का बनना स्वगौरव की दृष्टि से आवश्यक है। मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा। राष्ट्र के ‘स्व’ के गौरव के संदर्भ में अपने करोड़ों देशवासियों के साथ श्रीराम जन्मभूमि पर राष्ट्र के प्राणस्वरूप धर्ममर्यादा के विग्रहरूप श्रीरामचन्द्र का भव्य राममंदिर बनाने के प्रयास में संघ सहयोगी है।
 
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