नई दिल्ली। 'मी टू' अभियान के तहत यौन शोषण के आरोपों से घिरे केन्द्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि साक्ष्य के बिना आरोप एक वायरल बुखार बन गया है। उन्होंने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उनके ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। अकबर ने यह भी कहा कि आरोप लगाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करेंगे। गौरतलब है कि विदेश से लौटने पर विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने कहा था कि अपने ऊपर लगे आरोपों पर वे बाद में बोलेंगे।
12 अक्टूबर को जब इस मुद्दे पर अमित शाह से सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि देखना पड़ेगा कि ये आरोप सच हैं या गलत। अमित शाह ने कहा था कि पोस्ट की सत्यता जांच भी जरूरी है, जिनकी ओर से ये आरोप लगाये गये हैं। मशहूर पत्रकार और लेखक रहे एम जे अकबर कई अखबारों के संपादक रहे हैं। आपको बता दें कि उनके ऊपर अब तक 11 महिला पत्रकारों मी टू अभियान के तहत आरोप लगाए हैं।
अकबर पर पहला आरोप प्रिया रमानी नाम की वरिष्ठ पत्रकार ने लगाया था, जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी। रमानी के आरपो के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आई गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उनके उपर गंभीर आरोप लगाएं। अकबर पर ताजा आरोप एक विदेशी महिला पत्रकार ने लगा है। विदेशी महिला पत्रकार का कहना है कि वर्ष 2007 में जब वो इंटर्नशिप के लिए आईं तो वो सिर्फ 18 साल की थी और उनके साथ एम जे अकबर ने गलत हरकत करने की कोशिश की।