नई दिल्ली। लोग जल्द ही सात मामलों को लेकर पुलिस को आॅनलाइन आवेदन दे सकेंगे और प्राथमिकी दर्ज करा सकेंगे। केंद्र इस संबंध में सभी राज्यों के लिए नागरिक केंद्रित पोर्टल शुरू करने जा रहा है। इस पोर्टल से लोग अपने संभावित कर्मचारियों मसलन घरेलू सहायक, ड्राइवर, किरायेदारों या किसी अन्य उद्देश्य से अतीत की जानकारी जुटा सकेंगे। इनमें कर्मचारियों, किरायेदारों और नर्सों के सत्यापन, सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनुमति, खोई-पाई चीजों और वाहन चोरी शामिल हैं। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि नागरिक केंद्रित पोर्टल जल्द ही सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरुआत के लिए तैयार हैं।
पीएम मोदी की थी परिकल्पना
नागरिक केंद्रित पोर्टल गृह मंत्रालय की 'स्मार्ट पुलिस' पहल है ताकि नागरिकों को सेवाएं प्रदान की जा सकें तथा कुशल पुलिस जांच में मदद मिल सके। यह परिकल्पना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की थी। इस मंच से 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सात अपराधों और संबंधित सेवाओं के संबंध में आवेदन और प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आॅनलाइन सुविधा मिलेगी। इनमें कर्मचारियों, किरायेदारोंं के सत्यापन, सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनुमति, खोई-पाई चीजों और वाहन चोरी शामिल हैं।
बिना समय गंवाए कार्रवाई
नागरिक केंद्रित पोर्टल का मकसद आपराधिक जांच को नागरिकों के अनुकूल बनाना है। सूत्रों के मुताबिक नागरिकों की रिपोर्ट और अनुरोध बिना समय गंवाए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे जाते हैं ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
स्ट्रिक्ट और सेसेंटिव पुलिस
प्रधानमंत्री ने गुवाहाटी में 2014 में सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश में स्मार्ट पुलिस की अवधारणा पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह ऐसा पुलिस बल चाहते थे जो कुशल तरीके से देश की कानून-व्यवस्था का ध्यान रखे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट यानी एसएमएआरटी में एस 'स्ट्रिक्ट' और 'सेसेंटिव' के लिए है जबकि एम 'मॉडर्न एवं मोबाइल' के लिए है। वहीं ए 'एलर्ट(चौकस) तथा 'एकांटेबेल (जवाबदेह)' के लिए है। आर 'रिलायबल (भरोसेमंद)' के लिए है जबकि टी 'ट्रेन्ड (प्रशिक्षित) तथा 'टैक्नो-सैवी' (तकनीक का जानकार) के लिए है।