नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू इंडिया के निर्माण के लिए शिक्षा को किताबों और कक्षाओं से बाहर ले जाकर समाज और देश की जरूरतों तथा उसके सपनों से जोड़ने का आह्वान किया है और नवाचार तथा शोध कार्यों को बढ़ाने पर बल दिया है। मोदी ने दो हज़ार से अधिक स्कूलों में अटल टैंकरिंग लैब की संख्या को बढ़ाकर पांच हज़ार करने की भी घोषणा की है और उच्च शिक्षा के लिए आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने के लिए 2022 तक एक लाख करोड़ रुपये खर्चे करने का इरादा व्यक्त किया और राष्ट्रीय उच्च स्तर शिक्षा अभियान का बजट भी तीन गुना करने की भी बात कही।
उन्होंने शनिवार को विज्ञान भवन में उच्च शिक्षा के पुनरुथान विषय पर कुलपतियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने प्राचीन भारत में देश की शिक्षा व्यवस्था तथा आधुनिक काल में स्वामी विवेकानंद से लेकर अम्बेडकर, दीन दयाल उपाध्याय और लोहिया के शिक्षा के बारे में उनके विचारों को उद्धरित करते हुए कहा कि उच्च आचार, उच्च विचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ नवाचार पर भी जोर देना जरुरी है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का संबंध केवल किताबी ज्ञान से नहीं बल्कि बेहतर इंसान बनने और चरित्र निर्माण के साथ-साथ सामाजिक दायित्व से भी होता है। लेकिन युग बदलने के साथ-साथ उसमें परिवर्तन भी होता है। आज समय की मांग है कि उसमें नवोन्मेष नवाचार को जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल स्तर से ही नवाचार को जोड़ने के लिए उनकी सरकार ने देश के स्कूलों में अब तक दो हज़ार स्कूलों में अटल टैंकरिंग लैब खोले हैं अब उनकी संख्या बढ़कर पांच हज़ार की जाएगी। उन्होंने कॉलेज के छात्रों को गरीबों की झुग्गी झोपड़ियों में जाकर उन्हें स्वच्छता अभियान, आयुष्मान भारत जैसे सरकारी कार्यक्रमों से भी लोगों को अवगत कराने एवम उन्हें ज्ञान बांटने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि छात्र अपने आस पास के इलाकों में जाकर डिजिटल इंडिया कार्यक्रमों की भी लोगों को जानकारी दें और न्यू इंडिया के निर्माण में भी सहयोग दें।