नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन तलाक अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। इस अध्यादेश में तीन बार तलाक बोलकर पत्नी को तलाक देने पर 3 साल की जेल या जुर्माना का प्रावधान है।
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव ने अपने फैसले में कहा कि तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट की ओर से असंवैधानिक घोषित किया जा चुका है और अब इस मुद्दे पर फैसला करना सरकार के पाले में है।
कोर्ट वकील शाहिद आजाद की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। तीन तलाक अध्यादेश को लेकर याचिका में कहा गया कि यह सीधे तौर पर कानून का दुरुपयोग है। इसके अलावा यह आर्टिकल 14, 15, 20, 21 और 25 का भी सीधे तौर पर उल्लंघन है।