पटना। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक का मुद्दा कोई राजनीति का विषय नहीं है बल्कि मुस्लिम महिलाओं के सम्मान एवं सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा है। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रसाद के यहां केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के तीन तलाक पर लाये गये अध्यादेश पर उन्हें धन्यवाद देने आयी मुस्लिम महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि तीन तलाक का मुद्दा न राजनीति का है और न वोट का लेकिन यह अफसोस की बात है कि ऐसे मुद्दे पर भी राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जैसी महिला राजनीतिज्ञों को खुलकर तीन तलाक का विरोध करना चाहिए।
प्रसाद ने कहा कि तीन तलाक कोई पूजा और धर्म का भी विषय नहीं है। यह सिर्फ महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा से जुड़ा मामला है, जिस पर किसी तरह की राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अध्यादेश पर हस्ताक्षर किये जाने के बाद अब मुस्लिम महिलाओं को अधिकार है कि यदि वे तीन तलाक प्रथा की पीड़ित हैं तो वे अपने पति के खिलाफ संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकती हैं।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के पति अब जेल में डाल दिये जायेंगे यदि वे अपनी पत्नी को एक साथ तीन तलाक देते हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पतियों को तब तक जमानत नहीं दी जायेगी जब तक न्यायालय में उनकी पत्नियों की सुनवाई नहीं होती है। इस अध्यादेश के तहत मां-पीड़ित पत्नी को नाबालिग बच्चे की जिम्मेवारी दी जायेगी तथा संबंधित दंडाधिकारी भरण-पोषण की राशि तय करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि मुस्लिम महिलाएं सफलता की हर उस नयी ऊंचाई को छुएं क्योंकि उनकी पार्टी सबका साथ सबका विकास की नीति पर चल रही है।
उल्लेखनीय है कि संसद के पिछले मानसून सत्र में राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक पारित नहीं किया जा सका था जबकि लोकसभा में पिछले शीतकालीन सत्र में सर्वसम्मति से इस विधेयक को पारित कर दिया गया था।