नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन शोषण कांड में मीडिया रिपोर्टिंग पर लगाई गई रोक हटाते हुए गुरुवार को कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। इस कांड में आश्रय गृह की अनेक लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन शोषण हुआ था।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने इस कांड की जांच की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने के पटना उच्च न्यायालय के 23 अगस्त के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर इस संबंध में आदेश दिया। हालांकि, कोर्ट ने प्रिंट/ इलेक्ट्रानिक मीडिया से कहा कि वे यौन शोषण और यौन हिंसा की घटनाओं को सनसनीखेज नहीं बनायें।