नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन्हीं फैसलों में से तीन तलाक को लेकर है। नए फैसले के तहत बेशक अपराध को गैर जमानती ही रखा गया है लेकिन मैजिस्ट्रेट को जमानत का अधिकार है यानि मैजिस्ट्रेट जमानत दे सकता है। मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक इस बात की पूरी संभावना थी कि तीन तलाक विधेयक को लेकर संशोधन किया जा सकता है।
दरअसल साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में मोदी सरकार इस विधेयक को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करना चाहती है, लेकिन विपक्ष द्वारा इस विधेयक के कुछ नियमों पर आपत्ति के चलते यह ट्रिपल तलाक बिल राज्यसभा में पिछले सत्र में अटक गया था। लिहाजा केंद्र सरकार ने विपक्ष को संतुष्ट करने के लिए बिल में संशोधन किया।
सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक के खिलाफ याचिकाकर्ता भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन (बीएमएमए) नें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिखकर विधेयक में तीन साल की सजा को एक साल करने की मांग की थी। दरअसल विधेयक में 3 साल की सजा का प्रावधान है।