नई दिल्ली। बीजेपी चीफ अमित शाह को राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान एक बार फिर से विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया गया। शाह एमएसपी पर सदन में अपनी बात रख रहे थे तभी टीएमसी सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। टीएमसी सदस्य शोर मचाते हुए सभापति के आसन तक आ गए।
लगातार शोर-शराबे के कारण सभापति को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी और फिर सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। पहले भी बीजेपी चीफ को एमएसपी के मुद्दे पर चर्चा के दौरान भी विपक्ष ने बोलने से रोका था और सदन में काफी हंगामा किया था। अपने भाषण के दौरान शाह ने किसानों के लिए बीजेपी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख कर रहे थे।
शाह ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के लिए काफी काम किया है। उन्होंने कहा, 'सरकार दलितों और किसानों के लिए काम कर रही है। कृषि क्षेत्र पर मानचित्र को बदलने का प्रयास किया है। सिर्फ योजनाओं देकर सरकार आगे नहीं बढ़ रही है। सरकार 2022 में किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास कर रही है।'
विपक्ष पर शाह ने कसे तंज
विपक्ष पर तंज कसते हुए शाह ने कहा, 'कुछ टिप्पणियां आईं कि यह असंभव है। सबकी अपनी-अपनी सोच है। लेकिन सरकार जो प्रयास कर रही है वह आंकड़ों की दृष्टि से भी दिखाई दे रही है। हमने कृषि बजट में 75 फीसदी की वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि 2009-14 तक कृषि के लिए बजट 1 लाख 21 हजार 82 करोड़ था वहीं, 2014-18 तक यह बजट बढ़कर 2 लाख 11 हजार 684 करोड़ रुपये पहुंच गया।'
शाह ने चर्चा के दौरान राज्यसभा में कांग्रेस पर अवैध बांग्लादेशियों को लेकर नरमी दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा था, 'कांग्रेस के पीएम ने यह समझौता किया, लेकिन यह पार्टी इसे लागू नहीं कर सकी। हममें हिम्मत थी और इसलिए हमने इसपर अमल किया।' उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि वह क्यों अवैध घुसपैठियों को बचाना चाहती है? शाह के इस बयान के बाद राज्यसभा में शोर-शराबा होने लगा था और कार्यवाही कई बार स्थगित हुई थी। बता दें कि मोदी सरकार ने पिछले महीने 14 फसलों की टरढ बढ़ा दी थी।