नई दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह बच्चियों के साथ होनेवाले बलात्कार की घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लिया है। शीर्ष अदालत ने पीड़ित नाबालिगों की किसी भी तरह की तस्वीर की पूरी तरह से दिखाने पर रोक लगा दी है।इसके साथ ही, सर्वोच्च अदालत ने बिहार सरकार, महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय और टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ सोशल साइंसेज को नोटिस भेजा है।
मुजफ्फरपुर कांड के संदर्भ में शीर्ष अदालत ने कहा कि बालिका गृह की बच्चियों का इंटरव्यू न लेने दें और न ही उनकी फोटो दिखाएं।
इसके साथ ही, बिहार सरकार से केस की जांच का ब्यौरा देने को कहा गया है। गौरतलब है कि सरकार की तरफ से संचालित मुजफ्फरपुर जिले के बालिका गृह में करीब 30 से ज्यादा लड़कियों के साथ बलात्कार और उसका उत्पीड़न किया गया।
जिसके बाद इस महीने वहां से 42 लड़कियों को बचाया गया है। पूरी घटना की शुरूआती जांच से वाकिफ एक अधिकारी ने बताया की लड़कियों को रोजाना रात को नशीली दवा दी जाती है। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह से नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण की खबर सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। बिहार सरकार की तरफ से इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर जांच करायी जा रही है।