नई दिल्ली। इमरान खान की चुनावी जीत के बाद 'नए पाकिस्तान' के सूत्रपात को लेकर जोर-शोर से किए जा रहे प्रचार के बीच जाने-माने पाकिस्तानी लेखक मुबारक हैदर ने कहा है कि देश की रगों में बस चुकी 'मानसिकता' में बदलाव लाना ज्यादा जरूरी है। हैदर का यह भी कहना है कि मुस्लिमों के विपरीत, वियतनाम में अत्यधिक परेशानियों के बावजूद बौद्ध धर्मावलम्बी 'धार्मिक उन्माद' का रास्ता नहीं अख्तियार करते। पाकिस्तानी लेखक ने साथ ई-मेल साक्षात्कार में कहा यह न बदलने वाली मानसिकता है।
आप ईरान के शाह को इमाम से बदल सकते हैं, नवाज शरीफ की जगह इमरान खान को ला सकते हैं, लेकिन स्थिति बेहतर नहीं होगी क्योंकि हठधर्मिता सब चीजों पर हावी है। इस्लाम के नाम पर कट्टरपंथ के विरोध में पुस्तकें लिखने वाले हैदर ने सवालों के जवाब में कहा कि दरअसल पाकिस्तान या यों कहें कि मुस्लिम विश्व को अपने आप को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया की काया पलट करने वाली औद्योगिक क्रांति वैज्ञानिक तर्कों पर आधारित है। इस पहलू की अनदेखी की गई। इसी वैज्ञानिक सोच ने यूरोप को मध्यकालीन युग के जीवन से बाहर निकाला। उस युग में आर्थिक समृद्धि ताकत की लड़ाई से आती थी लेकिन वैज्ञानिक सोच के बाद अब चीजें बदल गई हैं।