नई दिल्ली। पर्वतारोहियों के एक दल ने 1968 में उत्तरकाशी में हुए प्लेन क्रैश में मारे गए एक सैनिक का शव ढूंढ निकाला है। हिमाचल प्रदेश के लाहौल में 50 साल पहले भारतीय वायु सेना का एक विमान एएन-12 हादसे का शिकार हो गया था। चंडीगढ़ से लेह जा रहे इस विमान में 102 लोग सवार थे। खबर के मुताबिक, पर्वतारोहियों के दल ने एक वायु सैनिक का शव बरामद किया है। साथ ही विमान का कुछ मलबा भी मिला है। यह दल 1 जुलाई को चंद्रभाग-13 चोटी पर साफ-सफाई के लिए गया था।
शव और विमान का मलबा ढाका ग्लेशियर बेस कैंप पर मिला जो समुद्री सतह से 6,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चोटी पर चढ़ाई करने वाली टीम के मुखिया राजीव रावत ने बताया कि पहले तो विमान के कुछ मलबे मिले। वहां से कुछ दूरी पर एक सैनिक का शव बरामद हुआ। रावत ने आगे कहा, हमारी टीम ने शव और मलबे का फोटो लिया और 16 जुलाई को इसे आर्मी के हाई आॅल्टीट्यूड वॉरफेयर स्कूल को भेजा। उसके बाद आर्मी के अधिकारियों ने उस इलाके में खोज अभियान शुरू किया। सोवियत संघ के बने उस विमान में 98 यात्री और 4 क्रू मेंबर सवार थे। यह विमान 7 फरवरी, 1968 को लापता हो गया था।
चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरने के बाद खराब मौसम की सूचना पाते ही पायलट ने वापस चंडीगढ़ लौटने की योजना बनाई थी। रडार से गायब होने के पहले उस विमान का ठिकाना रोहतांग दर्रे के ऊपर बताया गया था। हादसे के 35 साल बाद 2003 में मनाली के एबीवी इंस्टीट्यूट आॅफ माउंटेनियर एंड अलायड स्पोर्ट्स के पवार्तारोहियों ने दक्षिण ढाका ग्लेशियर में विमान का कुछ मलबा बरामद किया था। इस दौरान सिपाही बेली राम का शव भी मिला था जो उस विमान में सवार थे। बेली राम आर्मी के जवान थे।