नई दिल्ली। असम में रुपए के बदले नौकरी लेने के मामले में भाजपा सांसद आरपी शर्मा की बेटी पल्लवी शर्मा को भी बुधवार को गिरफ्तार किया गया। वह शिवसागर जिले में पुलिस उपाधीक्षक पद पर तैनात थीं। विशेष अदालत ने शुक्रवार को इस केस में सुनवाई की। इसके बाद पल्लवी और उनके बैच के 18 अधिकारियों को 11 दिन की हिरासत में भेज दिया।
असम में ये भर्ती घोटाला 2016 में सामने आया। उस वक्त तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी की सरकार थी। इस घोटाले का खुलासा एपीएसपी में आवेदन करने वाली एक उम्मीदवार अंशुमिता गोगोई ने किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि नबाकांत पाटीर नाम के एक सरकारी अभियंता ने 10 लाख रुपए देने पर एपीएससी में नौकरी दिलाने का आॅफर दिया था। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की, जिसमें कई अधिकारी इस घोटाले में शामिल पाए गए।
आंसरशीट से अलग मिली
अधिकारियों की लिखावटजिन अधिकारियों को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया, उन्होंने 2016 में असम लोक सेवा आयोग (एपीएससी) की परीक्षा दी थी। इनमें 13 असम सिविल सर्विसेज (एससीएस), 3 असम पुलिस सर्विस (एपीएस) और 3 सहयोगी सेवा के अधिकारी हैं। डिब्रूगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक गौतम बोरा ने बताया, आंसरशीट की लिखावट से अधिकारियों की हैंडराइटिंग का मिलान किया गया, तो अधिकारियों की लिखावट अलग निकली।
इस घोटाले में अब तक 54 अधिकारियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इनमें पूर्व कांग्रेसी मंत्री नीलमणि सेन डेका का बेटा राजर्षि सेन डेका भी शामिल है। असम सरकार ने इस मामले में पिछले महीने 13 अधिकारियों को बर्खास्त भी किया था। सांसद बोले- बेटी को फंसाया गया भाजपा नेता मृणाल सैकिया ने कहा कि ये घोटाला कांग्रेस सरकार में हुआ था। भाजपा की सरकार आने के बाद इसकी जांच शुरू की गई है। उधर, सांसद आरपी शर्मा ने कहा कि पुलिस जांच में कई खामियां हैं। मेरी बेटी को फंसाया गया है।